चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल सुधार आंदोलन की एक महत्वपूर्ण बैठक कल चंडीगढ़ में आयोजित की गई, जिसमें मौजूदा सांप्रदायिक और राजनीतिक हालात पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस बैठक में संयोजक जत्थेदार गुरप्रताप सिंह वडाला, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींढसा, पूर्व एसजीपीसी अध्यक्ष बीबी जागीर कौर, पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा, पूर्व मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा, पूर्व मंत्री सरवन सिंह फिल्लौर, पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका, पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा, पूर्व विधायक गगनजीत सिंह बरनाला, संता सिंह उम्मेदपुरी, सदस्य सचिव चरणजीत सिंह बराड़ और बीबी परमजीत कौर लॉन्डर्स ने भाग लिया।
इस अवसर पर जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा बुलाए गए सुधार आंदोलन के नेतृत्व ने वादा किया कि वे स्वयं को एक विनम्र सिख के रूप में पेश करेंगे।
इसके साथ ही, सुखदेव सिंह ढींढसा, प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सिकंदर सिंह मलूका, तीन कार्यकारी समिति सदस्य और सुरजीत सिंह रखड़ा प्रसीडियम सदस्य सहित संयोजक गुरप्रताप सिंह वडाला के इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए।
उल्लेखनीय है कि बीबी जागीर कौर, सरवन सिंह फिल्लौर और परमिंदर सिंह ढींडसा पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं और अपना स्पष्टीकरण दे चुके हैं।
सभी नेताओं ने संयुक्त बयान में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब को आश्वासन दिया कि यदि भविष्य में किसी को भी श्री अकाल तख्त साहिब से किसी धार्मिक, राजनीतिक या अन्य सेवा की आवश्यकता होती है, तो वे सिर झुका कर और विनम्रता से सेवा करेंगे।
बैठक के दौरान, संयोजक गुरप्रताप सिंह वडाला ने सुधार आंदोलन के सभी नेताओं से आग्रह किया कि वे 2 दिसंबर को सिंह साहिबान जी द्वारा सुनाए जाने वाले फैसले से पहले और बाद में किसी भी प्रकार की बयानबाजी से बचें।