ट्रम्प का मोदी को ‘उपहार’: जंजीरों में जकड़े भारतीयों को अमेरिकी सेना के विमान से वापस भेजा गया
मोदी सरकार अपने नागरिकों को सम्मान और गरिमा के साथ वापस लाने में विफल रही है: भगवंत मान
पवित्र शहर अमृतसर को ‘हिरासत या निर्वासन’ केंद्र में बदलने से बचें: सीएम ने सरकार को चेताया
अमृतसर, 15 फरवरीः
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शनिवार को मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि वह पवित्र शहर अमृतसर में निर्वासित लोगों को बार-बार विमान भेजकर इसे ‘हिरासत या निर्वासन’ केंद्र में बदलने से बचें।
मुख्यमंत्री ने आज रात को यहां पहुंचने वाले निर्वासितों के स्वागत के लिए किए गए प्रबंधों का जायजा लेने के लिए श्री गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का दौरा किया। उन्होंने भारत सरकार को याद दिलाया कि इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा पड़ा है कि जिसने भी इस धरती पर बुरी नजर डालने की कोशिश की, वह कभी बच नहीं पाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पंजाब और पंजाबियों को बदनाम करने के एकमात्र उद्देश्य से इस पवित्र भूमि पर बार-बार निर्वासितों के विमान उतारकर गंदी हरकतें कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि मोदी सरकार की इस कुनीतियों ने समूचे पंजाब और विशेष रूप से सिख समुदाय की मानसिकता को चोट पहुंचाई है।
मुख्यमंत्री ने भाजपा और मोदी को याद दिलाया कि जिस पवित्र भूमि का प्रयोग वे पंजाबियों की छवि खराब करने के लिए कर रहे हैं, उसमें श्री हरमंदिर साहिब, भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल, दुर्गियाना मंदिर और जलियांवाला बाग जैसे कई पवित्र स्थान हैं, जहां सैकड़ों निर्दोष देशभक्तों ने देश की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान की थी। उन्होंने कहा कि पंजाब को बदनाम करना एक पाप है जिसके लिए पंजाबी सामान्य तौर पर भगवा पार्टी और विशेष रूप से मोदी गुट को कभी माफ नहीं कर सकते। भगवंत सिंह मान ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या ईसाई समुदाय के पवित्र शहर वेटिकन सिटी में कोई ऐसी शरारत कर सकता है? उन्होंने कहा कि यदि नहीं तो फिर निर्वासितों को लेकर आने वाले विमानों को बार-बार अमृतसर में उतारकर पंजाबियों की भावनाओं को क्यों ठेस पहुंचाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार पर देशवासियों के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार ने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान सरकार के तहत देश प्रभावी विदेश नीति से वंचित है, जिसके कारण निर्वासितों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री अपने हालिया दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति को गले लगा रहे थे और उसी समय जंजीरों में जकड़े भारतीयों को शर्मनाक तरीके से उनके वतन वापस भेजा जा रहा था।
मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री को डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बैठक के दौरान उनके सामने यह मुद्दा उठाने से किसने रोका। भगवंत सिंह मान ने कहा कि स्वयंभू वैश्विक नेता मोदी जी को कम से कम भारतीयों को वापस लाने के लिए देश से विमान भेजने की पेशकश तो करनी चाहिए थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि हर भारतीय को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ पूरी बैठक के दौरान मोदी इस मुद्दे पर चुप रहे।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि एक विदेशी देश का युद्धक विमान एक ऐसे हवाई अड्डे पर उतारा जा रहा है जो एक शत्रु पड़ोसी देश से 40 किलोमीटर दूर है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस घातक कदम से राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ सकती थी, लेकिन विडंबना यह है कि केंद्र सरकार इस पर उदासीन है। विदेश मंत्रालय द्वारा इन विमानों को यहां उतारने के लिए अमृतसर को चुनने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश में सैकड़ों अन्य हवाई अड्डे हैं, लेकिन पंजाब को बदनाम करने के लिए इसे ही चुना गया है।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि दूसरी ओर जब राज्य सरकार यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की मांग करती है तो कई तुच्छ कारणों का हवाला देकर मांग को अस्वीकार कर दिया जाता है। इस बीच, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ बहुत सख्त है, जिनके कारण ये निर्दोष भारतीय अवैध रूप से अमेरिका चले गए थे और अब उन्हें निर्वासित कर दिया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आम भारतीयों को ठगने वाले ऐसे ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, ताकि अन्य लोग भी इससे बचें।
इस बीच, मुख्यमंत्री ने कहा कि आज रात अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने वाले निर्वासितों के लिए ठहरने और भोजन की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया है कि सभी निर्वासित लोग हवाई अड्डे पर उतरने के बाद सुरक्षित रूप से अपने घर पहुंचें। भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि राज्य सरकार निर्वासितों को राज्य में उनकी विशेषज्ञता के अनुसार उनके पुनर्वास के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि इस नेक कार्य के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।