कैबिनेट द्वारा लिया गया ऐतिहासिक फैसला बाबा साहब के सपने को साकार करने की दिशा में अग्रसर कदम: चीमा
राष्ट्रीय नायकों के सपनों को साकार करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया
चंडीगढ़, 11 अप्रैल:
पंजाब के वित्त मंत्री स हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब कैबिनेट ने राज्य में अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्यों को कानून अधिकारियों के रूप में संविदा आधार पर नियुक्त कर उन्हें उपयुक्त प्रतिनिधित्व देने के लिए एक अध्यादेश जारी कर ऐतिहासिक फैसला लिया है। यह भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अंबेडकर के सपनों को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने कमजोर और पिछड़े वर्गों को सशक्त बनाने की बजाय उनका शोषण किया है। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत आम आदमी पार्टी ने बाबा साहब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह जैसे राष्ट्रीय नायकों के सपनों को साकार करने की दिशा में हर संभव कदम उठाया है। स हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आज कैबिनेट में लिया गया फैसला इस दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा लाया गया “पंजाब लॉ ऑफिसर्स एंगेजमेंट एक्ट 2017” का कड़ा विरोध किया था क्योंकि यह अधिनियम कमजोर वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व से वंचित रखता है, जो उनके साथ सीधा अन्याय है।
वित्त मंत्री ने कहा कि आज कैबिनेट ने पंजाब लॉ ऑफिसर्स एंगेजमेंट एक्ट 2017 में संशोधन के लिए एक अध्यादेश जारी करने को मंज़ूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य वर्तमान वार्षिक आय सीमा को 50 प्रतिशत तक घटाकर राज्य में अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित कानून अधिकारियों की संविदा आधार पर भर्ती के लिए आय मानदंडों में छूट देना है। स चीमा ने कहा कि इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्यों को पंजाब के एजी एडवोकेट जनरल कार्यालय में कानून अधिकारियों के रूप में संविदा के आधार पर भर्ती करके उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करना है।
इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि एक और महत्त्वपूर्ण फैसले में कैबिनेट ने राज्य के सुधार ट्रस्टों के अलॉटियों के लिए बिना निर्माण शुल्क और बकाया अलॉटमेंट राशि से संबंधित “वन टाइम रियायत (ओटीआर)” नीति को भी मंज़ूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से अलॉटियों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि उनका दंडात्मक ब्याज माफ कर दिया जाएगा। स चीमा ने कहा कि भौगोलिक और प्रशासनिक समानता, दक्षता, लागत प्रभावशीलता और विधिक तालमेल बनाए रखने के लिए कैबिनेट ने राज्य में वर्तमान ब्लॉकों के पुनर्गठन और उन्हें तर्कसंगत बनाने की भी स्वीकृति दे दी है।
वित्त मंत्री ने कहा कि जनहित में इन ब्लॉकों के बेहतर प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए इनका पुनर्गठन ज़रूरी है। उन्होंने आगे कहा कि कैबिनेट ने चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के अधीन मेडिकल कॉलेजों में सेवा निभा रहे डॉक्टरों और प्रोफेसरों की सेवानिवृत्ति की उम्र को वर्तमान 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने की भी सहमति दे दी है। इससे मेडिकल कॉलेजों में बिना किसी रुकावट के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में सहायता मिलेगी, जिससे विद्यार्थियों को बड़ा लाभ मिलेगा। स चीमा ने आगे कहा कि कैबिनेट ने सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए सेवानिवृत्त होने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों को नियुक्त करने के लिए भी स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि इन डॉक्टरों को जनहित में प्रतिवर्ष आवश्यकता अनुसार नियुक्त किया जाएगा।