10 जनवरी 2025:
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस मस्जिद प्रबंधक कमेटी की याचिका पर जारी किया गया है, जिसमें मस्जिद के समीप स्थित एक कुएं को लेकर विवाद है। मस्जिद कमेटी ने मांग की थी कि प्रशासन को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया जाए। मस्जिद की सीढ़ियों के पास स्थित इस कुएं को लेकर पूजा करने की अनुमति दी गई थी, जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने नगर पालिका के उस नोटिस पर भी कार्रवाई रोक दी है, जिसमें सार्वजनिक कुएं को हरि मंदिर घोषित कर उसकी पूजा की अनुमति दी गई थी। हालांकि, कुएं के सार्वजनिक उपयोग पर कोई पाबंदी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि कुएं का उपयोग मस्जिद के बाहर से होता है तो इसे लेकर कोई आपत्ति नहीं होगी।
मामले में मस्जिद प्रबंधन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हुफैजा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा, जबकि विरोधी पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने दलीलें दीं। अहमदी ने दावा किया कि कुआं मस्जिद के उपयोग के लिए है, जबकि जैन ने कहा कि यह मस्जिद के बाहर स्थित है।
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर जीएसटी विवाद
सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और कैसीनो को जारी 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी धोखाधड़ी के नोटिस पर भी रोक लगा दी। जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई जरूरी है और सुनवाई के दौरान सभी कार्यवाहियां स्थगित रहेंगी।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन. वेंकटरमण ने बताया कि कुछ नोटिस फरवरी में समाप्त हो जाएंगे। अक्टूबर 2023 में जीएसटी अधिकारियों ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के खिलाफ टैक्स चोरी के आरोप में नोटिस जारी किए थे। अगस्त 2023 में जीएसटी काउंसिल ने यह फैसला लिया था कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर दांव की पूरी राशि पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा।
आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
मुंबई में आरे कॉलोनी क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि बिना अदालत की अनुमति के कोई कटाई नहीं होगी। जस्टिस अभय एस. ओक और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने यह आदेश दिया। मामले में मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने सूचित किया कि वर्तमान में कोई नया कटाई प्रस्ताव लंबित नहीं है।
अप्रैल 2023 में, कोर्ट ने 84 पेड़ों की कटाई की अनुमति के बावजूद 177 पेड़ काटने के लिए एमएमआरसीएल पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 5 मार्च को करेगा।