चंडीगढ़, 23 जनवरी:
शिरोमणी अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़ और पूर्व अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने आज गुरुद्वारा चुनाव के मुख्य आयुक्त जस्टिस (सेवानिवृत्त) एस.एस. सरोन से मुलाकात की और शिरोमणी कमेटी के चुनावों के लिए मतदाताओं के पंजीकरण की प्रक्रिया को 31 मार्च तक बढ़ाने और सभी जाली वोटों को हटाने का अनुरोध किया।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने मुख्य आयुक्त को मेमोरेंडम सौंपते हुए जस्टिस सरोन को बताया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने बूथ स्तर के अधिकारियों को मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर वोट दर्ज करने का निर्देश दिया था, जिसके कारण हजारों गैर-सिखों को शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक (एसजीपीसी) चुनावों के लिए मतदान का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा असली वोट काटे जा रहे हैं और जाली वोट जोड़े जा रहे हैं, ताकि एसजीपीसी का नियंत्रण किसी भी हालत में अपने हाथ में लिया जा सके। सरदार बादल ने मुख्य आयुक्त से सभी मतदाता सूचियों की समीक्षा के लिए निर्देश जारी करने का आग्रह किया ताकि जाली वोटों को हटाया जा सके। उन्होंने नए वोट बनाने की समयसीमा बढ़ाने की अपील की और कहा कि बड़ी संख्या में पात्र मतदाता अभी भी चुनाव प्रक्रिया से बाहर हैं। सरदार बादल ने हिमाचल प्रदेश का उदाहरण दिया, जहां अभी तक मतदाता सूची नहीं बनाई गई है।
ज्ञापन के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि अकाली दल सही मतदाताओं के पंजीकरण के पक्ष में है, लेकिन यह निंदनीय है कि आप सरकार इस प्रक्रिया में रुकावट डाल रही है। उन्होंने कहा कि हजारों गैर-सिखों को, जिन्होंने चुनाव के लिए मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं किया था, उन्हें यह अधिकार दे दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य आयुक्त को सिख रहत मर्यादा के बारे में भी बताया, जिसके तहत सिखों के नामों के साथ ‘सिंह’ या ‘कौर’ लगाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “हमने आयोग को मतदाता सूचियां सौंपी हैं, जिनमें कई मतदाताओं के नाम सिख रहत मर्यादा के अनुरूप नहीं हैं।”
अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने गुरुद्वारा चुनाव आयोग से सरकार को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि मतदाताओं के पंजीकरण से संबंधित नियमों का सख्ती से पालन किया जाए।
प्रतिनिधिमंडल में हरजिंदर सिंह धामी, हीरा सिंह गाबड़िया, अमरजीत सिंह चावला और अर्शदीप सिंह कलेर भी शामिल थे।