16 दिसंबर 2024:
- देश में इलेक्ट्रिक वाहन अवसंरचना में सुधार के लिए की गई पहलों का ब्यौरा क्या है?
- क्या सरकार नई प्रौद्योगिकियों को अपना रही है और इलेक्ट्रिक वाहनों से संबंधित अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) पर खर्च कर रही है? यदि हां, तो इसका ब्यौरा क्या है?
इस विषय पर भारी उद्योग मंत्री श्री एच डी कुमारस्वामी ने बताया कि मंत्रालय ने निम्नलिखित स्कीमें कार्यान्वित की हैं:
- उत्पादन-संबंधित प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम (पीएलआई-ऑटो): इस स्कीम को 23 सितंबर 2021 को अनुमोदित किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत की विनिर्माण क्षमता बढ़ाना है। इस स्कीम के तहत एएटी उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 25,938 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया।
- फेम इंडिया स्कीम, चरण II: 1 अप्रैल 2019 से पांच वर्षों के लिए लागू इस स्कीम के तहत 11,500 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता दी गई है। इस स्कीम में ई-दुपहिया, ई-तिपहिया, ई-चौपहिया और सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाता है।
- उन्नत रसायन सेल (एसीसी) पीएलआई स्कीम: 12 मई 2021 को अनुमोदित इस स्कीम का परिव्यय 18,100 करोड़ रुपये था। इसका लक्ष्य 50 गीगावाट घंटे की एसीसी बैटरी का प्रतिस्पर्धी विनिर्माण पारितंत्र स्थापित करना है।
- पीएम ई-ड्राइव स्कीम: 29 सितंबर 2024 को अधिसूचित इस द्विवर्षीय स्कीम का बजट 10,900 करोड़ रुपये है, जिसका उद्देश्य विभिन्न इलेक्ट्रिक वाहनों और चार्जिंग स्टेशनों को समर्थन देना है।
- पीएम ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) स्कीम: 28 अक्टूबर 2024 को अधिसूचित इस स्कीम का परिव्यय 3,435.33 करोड़ रुपये है, जिसका उद्देश्य ई-बस प्रचालकों को भुगतान सुरक्षा प्रदान करना है।
- इलेक्ट्रिक यात्री कार विनिर्माण संवर्धन स्कीम: 15 मार्च 2024 को अधिसूचित इस स्कीम के तहत न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश और घरेलू मूल्यवर्धन की आवश्यकता है।
अन्य मंत्रालयों द्वारा भी कई पहलें की गई हैं, जैसे:
- विद्युत मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग अवसंरचना के लिए दिशानिर्देश और मानक जारी किए हैं।
- वित्त मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% कर दिया है।
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बैटरी-चालित वाहनों को हरी प्लेटें देने और उन्हें परमिट की आवश्यकता से मुक्त करने की घोषणा की है।
- आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने निजी और वाणिज्यिक भवनों में चार्जिंग स्टेशनों को शामिल करना अनिवार्य कर दिया है।
सरकार पीएलआई-ऑटो और पीएलआई एसीसी स्कीमों के माध्यम से अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दे रही है। भारी उद्योग मंत्रालय की पूंजीगत वस्तु स्कीम के तहत अनुसंधान और विकास परियोजनाओं की लागत के 80% तक की सहायता प्रदान की जाती है।
इस प्रकार, सरकार इलेक्ट्रिक वाहन अवसंरचना में सुधार और नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए कई योजनाएं और पहलें कर रही है।