चंडीगढ़, 9 दिसंबर: कुरुक्षेत्र का अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 न केवल शिल्पकारों और कलाकारों को अपनी कला को प्रदर्शित करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि इस महोत्सव में कई ऐसे स्टॉल भी सजाए गए हैं, जो हमारी प्राचीन धरोहर और विरासत को प्रस्तुत कर रहे हैं। ऐसा ही एक अद्भुत स्टॉल कैथल जिले के करोड़ा गांव से आए राजा राम द्वारा स्थापित किया गया है। इस स्टॉल पर उन्होंने प्राचीन समय से लेकर वर्तमान तक की विभिन्न मुद्राओं और सिक्कों का संग्रह प्रदर्शित किया है।
राजा राम ने बताया कि जब वह बहुत छोटे थे, तभी से उन्हें प्राचीन मुद्राओं को इकट्ठा करने का शौक लग गया था। अपने इस शौक को वह आज 57 साल की उम्र में भी निरंतर जारी रखे हुए हैं। जब उनसे इस मूल्यवान संग्रह को बेचने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह धरोहर अनमोल है और वह इसे किसी भी कीमत पर नहीं बेचेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक वह जीवित रहेंगे, अपने संग्रह को और बढ़ाते रहेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत चुकानी पड़े।
राजा राम ने बताया कि उनके पास 700 साल पुरानी मुद्राओं के साथ-साथ पुराने राशन कार्ड, डाक टिकट और सिक्के भी हैं। वह 2016 से लगातार इस धरोहर को महोत्सव में प्रदर्शित कर रहे हैं। उनके संग्रह में भारत के विभिन्न राज्यों से संबंधित प्राचीन मुद्राएँ भी शामिल हैं, जिससे राज्य के पर्यटकों को अपने राज्य से संबंधित प्राचीन मुद्राएँ देखने का अवसर मिल रहा है।
राजा राम ने महोत्सव के आयोजन के बारे में कहा कि प्रशासन द्वारा महोत्सव के दौरान रहने, खाने और अन्य सुविधाओं के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं, जो उन्हें और अन्य सहभागियों को बहुत सहायक साबित हो रहे हैं।