Quake: 5-10 KM गहराई का भूकंप होता है ज्यादा खतरनाक; झील पार्क क्षेत्र में लगते रहते हैं कम तीव्रता वाले झटके
सार
राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों में सोमवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई। भूकंप से फिलहाल किसी प्रकार के नुकसान होने या किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। उन्होंने सभी से शांत रहने और सुरक्षा उपायों का पालन करने का आग्रह किया। इसके साथ ही संभावित झटकों के लिए सतर्क रहने को भी कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।
भूकंप का केंद्र धौला कुआं के झील पार्क क्षेत्र में पांच किलोमीटर की गहराई पर था। वहां कुछ लोगों को भूकंप के बाद तेज आवाजें सुनाई देने की भी खबरें हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप के झटके सुबह पांच बजकर 36 मिनट पर महसूस किए गए।
सतह से पांच या दस किलोमीटर नीचे उत्पन्न होने वाले भूकंप, सतह से काफी नीचे उत्पन्न होने वाले भूकंपों की तुलना में अधिक क्षति पहुंचाते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि झील पार्क क्षेत्र में हर दो से तीन साल में एक बार छोटे, कम तीव्रता वाले भूकंप आते हैं। 2015 में यहां 3.3 तीव्रता का भूकंप आया था। इससे पहले 12 अप्रैल 2020 को 3.5, 10 मई 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 3.4 और 29 मई 2020 को रोहतक (दिल्ली से लगभग 50 किलोमीटर पश्चिम) के पास 4.4 तीव्रता का भूकंप आया था। हरियाणा में भी 2022-23 में छोटे भूकंप आने की सूचना मिली है।
दिल्ली में क्यों आते हैं भूकंप?
दिल्ली भूकंपीय रूप से सक्रिय हिमालय टकराव क्षेत्र से लगभग 250 किलोमीटर दूर स्थित है। इस वजह से यहां आसपास के भूकंपों से अक्सर दिल्ली की धरती हिलती रहती है। भारत के भूकंपीय जोनिंग मानचित्र में राष्ट्रीय राजधानी को भूकंपीय क्षेत्र IV में रखा गया है। यह देश में दूसरा सबसे संवेदनशील जोन है।