Tuesday, April 15, 2025
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यमुनानगर में दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्लांट में 800 मेगावाट की तीसरी इकाई का किया शिलान्यास

विकसित भारत-विकसित हरियाणा समारोह बना हरियाणा के विकास का साक्षी

 

हरियाणावासियों को मिली 10 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यमुनानगर में दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्लांट में 800 मेगावाट की तीसरी इकाई का किया शिलान्यास

 

यमुनानगर में गोबर-धन संयंत्र का शिलान्यास और रेवाड़ी बाईपास का भी किया उद्घाटन

चंडीगढ़, 14 अप्रैल – संविधान शिल्पी बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेशवासियों को विकास परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्लांट, यमुनानगर में लगभग 8469 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 800 मेगावाट की तीसरी इकाई का शिलान्यास किया। इसके अलावा, यमुनानगर में 90 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाले गोबर-धन संयंत्र का शिलान्यास और लगभग 1069 करोड़ रुपये से निर्मित रेवाड़ी बाइपास का भी उद्घाटन किया।

ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा हरियाणा पावर जनरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीजीसीएल) को दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्लांट, यमुनानगर में 800 मेगावाट की तीसरी इकाई स्थापित करने की अनुमति दी गई। यह परियोजना यमुनानगर में दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्रोजेक्ट में 2×300 मेगावॉट इकाइयों वाले मौजूदा संयंत्र का विस्तार है। इस तीसरी इकाई के निर्माण के लिए 233 एकड़ भूमि का उपयोग किया जाएगा। इस परियोजना को पूरा करने के लिए 52 महीने की समय सीमा तय की गई है, जबकि वाणिज्यिक संचालन 48 महीनों के अंदर यानि मार्च, 2029 तक शुरू हो जाएगा। इस इकाई से हरियाणा की घरेलू ऊर्जा उत्पादन क्षमता 3,382 मेगावॉट तक बढ़ जाएगी।

रेवाड़ी बाईपास का उद्घाटन

रेवाड़ी बाईपास परियोजना को भारतमाला परियोजना के अंतर्गत हाइब्रिड एन्युइटी मोड पर लगभग 1069 करोड़ रुपये से विकसित किया गया है। यह चार लेन का बाईपास रेवाड़ी शहर के चारों ओर बनाया गया है, ताकि शहर की ट्रैफिक भीड़ को कम किया जा सके। यह बाईपास कुल 14.4 किलोमीटर लंबा है। यह एन.एच.-352 जंक्शन से शुरू होकर नारनौल की दिशा में एन.एच.-11 से जुड़ता है। यह परियोजना रेवाड़ी शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने और नारनौल से बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे यात्री और माल ढुलाई दोनों के लिए सफर और भी सुविधाजनक और समयबद्ध होगा। बाईपास, रिंग रोड और अन्य अवसंरचना विकास के माध्यम से मौजूदा और प्रस्तावित दोनों कॉरिडोरों की दक्षता बढ़ेगी, जिससे माल परिवहन व यातायात की सुगमता बढ़ेगी। वहीं, नारनौल से दिल्ली तक यात्रा भी सुगम होगी।

यमुनानगर में गोबर-धन संयंत्र का का शिलान्यास

नगर निगम यमुनानगर जगाधरी द्वारा बी.पी.सी.एल. के सहयोग से यमुनानगर के मुकारबपुर में 90 करोड़ रुपये की लागत से गोबर-धन संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इस संयंत्र की कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन की वार्षिक क्षमता 2,600 मीट्रिक टन होगी। परियोजना मई 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है। सी.बी.जी. संयंत्र में कृषि अवशेष, मवेशियों के गोबर और नगरपालिका के ठोस कचरे जैसे अपशिष्ट/बायोमास स्रोतों का उपयोग बायो-गैस बनाने के लिए किया जाएगा। इस प्लांट में सालाना 45,000 मीट्रिक टन ठोस अपशिष्ट का वैज्ञानिक ढंग से निपटान किया जाएगा। साथ ही 36,000 मीट्रिक टन गाय के गोबर का उपयोग किया जाएगा। सी.बी.जी. बायोगैस का शुद्ध रूप है और सीएनजी का विकल्प है। इस प्लांट में बनी 2,600 मीट्रिक टन सी.बी.जी. से इतनी ही सीएनजी की बचत होगी। इस प्लांट में सालाना लगभग 10,000 मीट्रिक टन बायो-खाद का उत्पादन होगा। इस प्लांट से सालाना कार्बनडायऑक्साइड उत्सर्जन में 7,700 मीट्रिक टन की कमी आएगी। इससे कूड़े की खुले में डंपिंग और मीथेन गैस उत्सर्जन से छुटकारा मिलेगा और वायु प्रदूषण में कमी आएगी।

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