गरीब परिवार ऑनलाइन आवेदन करके आशीर्वाद योजना से लाभान्वित हो सकते हैं: डॉ. बलजीत कौर
चंडीगढ़, 16 फरवरीः
पंजाब के लोगों को निर्बाध ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दृष्टिकोण के अनुरूप, राज्य सरकार ने आशीर्वाद योजना के लिए एक समर्पित पोर्टल शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य आवेदन प्रक्रिया को सरल, अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाना है। इस नई प्रणाली के तहत पात्र परिवार अपने घर बैठे ही सीधे वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
सामाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए अत्याधुनिक ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने की पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। लाभार्थी आशीर्वाद योजना के लिए अपने आवेदन आधिकारिक पोर्टल http://ashirwad.punjab.gov.in के माध्यम से जमा कर सकते हैं। इस ऑनलाइन पोर्टल की शुरूआत से योजना की दक्षता और पारदर्शिता और बढ़ गई है।
डॉ। बलजीत कौर ने बताया कि अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के व्यक्ति पोर्टल के माध्यम से आसानी से वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं। उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफ़ेस को आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे आवेदक आसानी से आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड कर सकें।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह पोर्टल पूरी तरह से संपर्क रहित आवेदन प्रक्रिया सुनिश्चित करता है, जिससे भौतिक यात्राओं की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। यह लाभार्थियों के साथ सीधे संवाद का अवसर भी प्रदान करता है। आवेदकों को फॉर्म भरने में सहायता करने तथा ईमेल या फोन कॉल के माध्यम से किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए प्रणाली में एक आवेदन प्रबंधक शामिल किया गया है।
डॉ। बलजीत कौर ने दोहराया कि यह पहल पंजाब सरकार की वंचित समुदायों को समर्थन देने की निरंतर प्रतिबद्धता के अनुरूप है। उन्होंने पात्र व्यक्तियों से पोर्टल का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें योजना का लाभ मिले।
इसके अलावा, कैबिनेट मंत्री ने स्पष्ट किया कि आशीर्वाद योजना के तहत, पंजाब सरकार कम आय वाले परिवारों की बेटियों की शादी के लिए 51,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए आवेदक पंजाब का स्थायी निवासी होना चाहिए तथा अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित होना चाहिए। कुल वार्षिक पारिवारिक आय 32,790 रुपये से कम होनी चाहिए तथा पात्र परिवार को अधिकतम दो बेटियों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध है।