Sunday, December 22, 2024
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गीता जी पर पुस्तकें तो बहुत लिखी गई हैं, लेकिन काव्य रचनाएं कम हुई हैं : प्रेम विज

महाग्रंथ गीता पर संतोष गर्ग द्वारा संपादित काव्य संकलन सार का सार की हुई समीक्षा
गीता जी पर पुस्तकें तो बहुत लिखी गई हैं, लेकिन काव्य रचनाएं कम हुई हैं : प्रेम विज

चण्डीगढ़ : राष्ट्रीय संवेदनाओं को समर्पित एसएस फाउंडेशन द्वारा संचालित मनांजलि मंच की ओर से लेखिका संतोष गर्ग द्वारा संपादित काव्य संकलन सार का सार पुस्तक पर एक समीक्षा संगोष्ठी का आयोजन सेक्टर 29 में किया गया। संवाद साहित्य मंच, चण्डीगढ़ के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज के सान्निध्य में हुए इस कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि साहित्यकार डॉ विनोद शर्मा रहे। उत्कृष्ट संचालन साहित्यकार गणेश दत्त ने किया।
इस परिचर्चा में सार का सार पुस्तक में प्रकाशित साहित्य सेवा के प्रकाशक एमएल अरोड़ा, कृष्णा गोयल, हरेंद्र सिन्हा, सरोज चोपड़ा, नेहा नूपुर, सागर सिंह भूरिया, दर्शन सुभाष पाहवा, डॉ विनोद शर्मा, कविता रोहिला आदि ने भी उपस्थित रह कर अपने-अपने भाव प्रस्तुत किए। पंचकूला से हरियाणा साहित्य संस्कृति अकादमी द्वारा पुरस्कृत इस पुस्तक की संपादिका संतोष गर्ग ने कहा कि श्री गीता जयंती महोत्सव पर प्रकाशित इस पुस्तक में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 48 रचनाकारों की रचनाओं को लिया गया है। इसमें एक और मोहाली के 14 वर्षीय मिकी पासी हैं और दूसरी तरफ 81 वर्षीय मुजफ्फरनगर की सुमन मेहरोत्रा की रचनाएं भी प्रकाशित हैं। इसका मुख्य उद्देश्य था कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए श्री कृष्ण जी द्वारा अर्जुन को दिए गए गीता संदेश को पढ़ना और चिंतन करके उस पर काव्य रचनाएं लिखना था।
वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज ने कहा कि कवयित्री संतोष गर्ग ने काव्य रचना के लिए बहुत अच्छा विषय चुना है। गीता जी पर पुस्तकें तो बहुत लिखी गई हैं लेकिन काव्य रचनाएं कम हुई हैं।
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