चंडीगढ़, 16 जनवरी :
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पंजाब के प्रवक्ता प्रितपाल सिंह बलियेवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की प्रबंधन में लापरवाही और महत्वपूर्ण प्रशासनिक मुद्दों को सुलझाने में नाकामी पर कड़ी निंदा की है। बलियेवाल ने कहा कि सर्दी के सत्र का आयोजन न करना न केवल लोकतांत्रिक जिम्मेदारियों की अनदेखी है बल्कि पंजाब के लोगों का अपमान भी है।
बलियेवाल ने कहा कि जहां प्रदेश में कारों के रेडिएटर और टायर फट रहे हैं, वहीं अब शराब की बोतलें भी फट रही हैं। इसके बावजूद राज्य सरकार उदासीन है। उन्होंने कहा कि किसान कठिन परिस्थितियों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और कृषि नीतियों पर तुरंत विचार-विमर्श की आवश्यकता है। यह एक महत्वपूर्ण राज्य का विषय है, लेकिन फिर भी सरकार ने इन मुद्दों पर चर्चा के लिए कोई विशेष सत्र नहीं बुलाया।
मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए बलियेवाल ने कहा कि पंजाब को प्राथमिकता देने के बजाय वे दिल्ली में तीन दिन बिता चुके हैं और वहां चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। इसका सीधा असर पंजाब के प्रशासन पर पड़ा है, जो ठप पड़ा है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और पूछा कि क्या सरकार दिल्ली चुनाव परिणामों (8 फरवरी) की प्रतीक्षा कर रही है ताकि पंजाब के प्रशासन से जुड़े फैसले लिए जा सकें?
भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा पर भी निशाना साधा और कहा कि वे भी अपने कर्तव्यों का पालन करने में असफल रहे हैं। विधानसभा सत्र की मांग करना और पंजाब के मुद्दों को उठाना उनकी जिम्मेदारी थी, लेकिन वे ‘आप’ से मिलीभगत करते हुए अधिक नजर आए हैं। भाजपा ने कहा कि अब विपक्ष की भूमिका में आकर सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
बलियेवाल ने याद दिलाया कि पिछला विधानसभा सत्र पांच महीने पहले हुआ था, जबकि आप सरकार ने बार-बार 20-20 दिन के सत्र आयोजित करने के वादे किए थे। यह वादा न केवल पूरा नहीं किया गया बल्कि संवैधानिक दायित्वों की अनदेखी भी की गई। उन्होंने कहा कि सरकार के पास रैलियों और अभियानों के लिए समय है, लेकिन शासन के लिए नहीं।
भाजपा ने किसानों की समस्याओं, बुनियादी ढांचे के विकास और प्रशासनिक सुधारों के समाधान के लिए तुरंत सर्दियों का सत्र बुलाने की मांग की। बलियेवाल ने कहा कि पंजाब के लोग अब ऐसी सरकार को सहन नहीं करेंगे जो अपने प्रदेश से अधिक दिल्ली को तरजीह देती है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पंजाब के प्रवक्ता प्रितपाल सिंह बलियेवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की प्रबंधन में लापरवाही और महत्वपूर्ण प्रशासनिक मुद्दों को सुलझाने में नाकामी पर कड़ी निंदा की है। बलियेवाल ने कहा कि सर्दी के सत्र का आयोजन न करना न केवल लोकतांत्रिक जिम्मेदारियों की अनदेखी है बल्कि पंजाब के लोगों का अपमान भी है।
बलियेवाल ने कहा कि जहां प्रदेश में कारों के रेडिएटर और टायर फट रहे हैं, वहीं अब शराब की बोतलें भी फट रही हैं। इसके बावजूद राज्य सरकार उदासीन है। उन्होंने कहा कि किसान कठिन परिस्थितियों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और कृषि नीतियों पर तुरंत विचार-विमर्श की आवश्यकता है। यह एक महत्वपूर्ण राज्य का विषय है, लेकिन फिर भी सरकार ने इन मुद्दों पर चर्चा के लिए कोई विशेष सत्र नहीं बुलाया।
मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए बलियेवाल ने कहा कि पंजाब को प्राथमिकता देने के बजाय वे दिल्ली में तीन दिन बिता चुके हैं और वहां चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। इसका सीधा असर पंजाब के प्रशासन पर पड़ा है, जो ठप पड़ा है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और पूछा कि क्या सरकार दिल्ली चुनाव परिणामों (8 फरवरी) की प्रतीक्षा कर रही है ताकि पंजाब के प्रशासन से जुड़े फैसले लिए जा सकें?
भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा पर भी निशाना साधा और कहा कि वे भी अपने कर्तव्यों का पालन करने में असफल रहे हैं। विधानसभा सत्र की मांग करना और पंजाब के मुद्दों को उठाना उनकी जिम्मेदारी थी, लेकिन वे ‘आप’ से मिलीभगत करते हुए अधिक नजर आए हैं। भाजपा ने कहा कि अब विपक्ष की भूमिका में आकर सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
बलियेवाल ने याद दिलाया कि पिछला विधानसभा सत्र पांच महीने पहले हुआ था, जबकि आप सरकार ने बार-बार 20-20 दिन के सत्र आयोजित करने के वादे किए थे। यह वादा न केवल पूरा नहीं किया गया बल्कि संवैधानिक दायित्वों की अनदेखी भी की गई। उन्होंने कहा कि सरकार के पास रैलियों और अभियानों के लिए समय है, लेकिन शासन के लिए नहीं।
भाजपा ने किसानों की समस्याओं, बुनियादी ढांचे के विकास और प्रशासनिक सुधारों के समाधान के लिए तुरंत सर्दियों का सत्र बुलाने की मांग की। बलियेवाल ने कहा कि पंजाब के लोग अब ऐसी सरकार को सहन नहीं करेंगे जो अपने प्रदेश से अधिक दिल्ली को तरजीह देती है।