Tuesday, January 7, 2025
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लालू प्रसाद के बयान से बिहार में सियासी हलचल, कहा- ‘सीएम नीतीश कुमार के लिए खुले हैं दरवाजे’

2 जनवरी 2025:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भविष्य को लेकर इन दिनों सियासी गलियारों में काफ़ी चर्चा हो रही है। सवाल उठ रहा है कि वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में बने रहेंगे या महागठबंधन (आकांक्षी गठबंधन) में शामिल होंगे। यह सवाल राजनीतिक हलकों में गर्मा गया है, और इस पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का ताजा बयान कई मायनों में चौंकाने वाला है।

लालू प्रसाद ने हाल ही में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए महागठबंधन के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर नीतीश कुमार महागठबंधन में आना चाहें तो उनका स्वागत है और वे मिलकर काम कर सकते हैं। लालू का यह बयान ना केवल महागठबंधन की तरफ से स्वागत का संकेत देता है, बल्कि एनडीए में भी हलचल पैदा करने वाला साबित हो रहा है।

यह बयान राजद सुप्रीमो की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के जन्मदिन पर आया था, जब राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान इस मौके पर आयोजित समारोह में उपस्थित थे। पत्रकारों ने लालू से नीतीश कुमार के बारे में सवाल किया था, जिसके जवाब में उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री और जनता के लिए महागठबंधन का दरवाजा हमेशा खुला है। इस बयान के बाद एनडीए और महागठबंधन के नेताओं के बीच एक नई बहस छिड़ गई है।

तेजस्वी यादव का बयान और अब लालू का उलट बयान

इसके पहले, राजद नेता तेजस्वी यादव ने यह बयान दिया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब थक चुके हैं और महागठबंधन के लिए उनका दरवाजा बंद है। तेजस्वी ने यह भी कहा था कि इस मामले में पार्टी आलाकमान ही अंतिम निर्णय लेगा, और उस निर्णय को सभी को स्वीकार करना होगा। तेजस्वी के इस बयान ने साफ़ किया था कि राजद का रुख नीतीश कुमार के प्रति नकारात्मक हो सकता है, लेकिन अब लालू प्रसाद का बयान पूरी तस्वीर को पलटने वाला साबित हो रहा है।

लालू प्रसाद यादव ने इस दौरान यह भी कहा कि अगर नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा, क्योंकि राजद हमेशा से ही बिहार की जनता के हित में काम करता रहा है। लालू के इस बयान ने कई सवालों को जन्म दिया है, क्योंकि महागठबंधन में नीतीश कुमार की वापसी को लेकर पहले ही कई अटकलें लगाई जा रही थीं।

सियासी हलचल और एनडीए की बेचैनी

लालू प्रसाद का यह बयान एनडीए खेमे में बेचैनी का कारण बन गया है। बिहार के राजनीति में यह अब तक का सबसे बड़ा सवाल बन चुका है कि नीतीश कुमार किस गठबंधन में रहेंगे। एनडीए में उनकी स्थिरता और महागठबंधन में उनका संभावित प्रवेश दोनों ही अब एक जटिल सवाल बन गए हैं। लालू प्रसाद का बयान यह भी साबित करता है कि राजद नीतीश कुमार को अपने साथ लाने में दिलचस्पी रखता है, और यह संदेश भी भेजता है कि पार्टी किसी तरह की राजनीति के लिए तैयार है।

राजद और एनडीए दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति पर काम कर रही हैं, और इस मामले में नीतीश कुमार का रुख महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर यह बयान और अधिक अहमियत रखता है, क्योंकि किसी भी राजनीतिक गठबंधन में नीतीश कुमार की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

कुल मिलाकर, लालू प्रसाद का बयान बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बयान का कैसे जवाब देते हैं और उनकी अगली राजनीतिक चाल क्या होगी।

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