Wednesday, January 22, 2025
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कुमारी सैलजा का हमला: हरियाणा में बढ़ी बिजली दरों पर सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना:24ghantenews

चंडीगढ़, 17 जनवरी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार चुनाव पूर्व कुछ और वायदे करती है और चुनावों के बाद अपने असली रंग में आ जाती है। सरकार किसी न किसी रूप में टैक्स बढ़ाकर जनता को आर्थिक झटके देती रही है। हरियाणा सरकार ने बिजली पर लगने वाली फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट (एफएसए) को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है, जिससे प्रदेश के 84 लाख बिजली उपभोक्ताओं की जेबों पर भारी बोझ पड़ने वाला है। अब उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 47 पैसे अतिरिक्त चुकाने होंगे।

कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में पहले से ही बिजली की दरें अन्य राज्यों की तुलना में अधिक हैं। प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं की जेब पर खुला डाका डाल रही है। अगर भाजपा वास्तव में जनहितैषी है, तो उसे तुरंत एफएसए वापस लेना चाहिए।

अपने मीडिया बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में 0-150 यूनिट तक बिजली दर 2.75 रुपये, 150-250 यूनिट तक 5.25 रुपये, 251-500 यूनिट तक 6.30 रुपये, और 501-800 यूनिट तक 7.10 रुपये है। अन्य राज्यों की तुलना में ये दरें कहीं अधिक हैं। कई राज्य तो 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त दे रहे हैं, जैसे हिमाचल प्रदेश में गरीब परिवारों को 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जा रही है। इसके विपरीत, हरियाणा सरकार लगातार किसी न किसी बहाने से उपभोक्ताओं की जेब काटने में लगी हुई है।

उन्होंने कहा कि एफएसए की अवधि बढ़ाने से उपभोक्ताओं को 201 यूनिट बिजली बिल पर अगले साल तक 94.47 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) की ओर से 11 सर्कलों में बिजली सप्लाई की जा रही है, जिसके लगभग 43.57 लाख उपभोक्ता हैं। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) के लगभग 37.39 लाख उपभोक्ता हैं। सरकार के इस फैसले ने इन सभी उपभोक्ताओं पर भारी वित्तीय बोझ डाल दिया है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में बिजली दरें कम हैं, जबकि हरियाणा में अधिक हैं, जबकि सभी राज्य लगभग समान दरों पर बिजली खरीदते हैं। सरकार सस्ती दरों पर बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं से अधिक वसूली कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार वादों और वास्तविकता में अंतर रखती है। जनता का भाजपा से विश्वास उठता जा रहा है। अगर सरकार वास्तव में जनता की भलाई चाहती है, तो उसे तत्काल एफएसए वापस लेकर उपभोक्ताओं को राहत देनी चाहिए।

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