25 दिसंबर 2024:
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन 29वें दिन भी खनौरी मोर्चे पर जारी रहा। डल्लेवाल ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि संसद एवं किसानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए एमएसपी गारंटी कानून बनाएंगे या मेरी शहादत का इंतजार करेंगे।
ग्वालियर-पीलीभीत से समर्थन में पहुंचे किसान
मंगलवार को खनौरी किसान मोर्चे पर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति का जत्था, ग्वालियर-पीलीभीत से किसानों का जत्था डल्लेवाल को समर्थन देने के लिए पहुंचा। कई दिनों बाद जगजीत सिंह डल्लेवाल अपनी ट्राली से बाहर आए, लेकिन शारीरिक तौर पर काफी कमजोर होने के कारण उन्हें स्ट्रेचर पर स्टेज तक लाया गया।
एमएसपी के लिए मैंने जान लगाई दांव पर
डल्लेवाल ने किसानों से कहा कि वह ठीक हैं और रात की पहरेदारी इतनी मजबूत कर दें कि मोर्चे पर पुलिस हमला करने की हिमाकत न कर पाए। उन्होंने देश के किसानों से कहा कि पिछले आंदोलन को स्थगित करते समय कई राज्यों के किसानों की यह शिकायत थी कि आंदोलन को जल्दी स्थगित किया जा रहा है। अभी एमएसपी गारंटी कानून बनने तक आंदोलन जारी रहना चाहिए। उस समय कुछ अन्य संगठनों के दबाव में आंदोलन जल्दी स्थगित करना पड़ा, लेकिन अब दोबारा से मजबूत मोर्चा लगा हुआ है और पूरे देश के किसानों को एमएसपी की गारंटी दिलवाने के लिए उन्होंने अपनी जान दांव पर लगा दी है। अब देश के किसानों की यह जिम्मेदारी बनती है कि इस आंदोलन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुड़ें।
वहीं स्टेज के माध्यम से किसान नेताओं ने कहा कि 30 दिसंबर के पंजाब बंद के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए 26 दिसंबर को खनौरी मोर्चे पर सभी सामाजिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक, और धार्मिक संगठनों की एक बैठक बुलाई गई है। इसके लिए सभी को पत्र लिखा गया है। जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के समर्थन में हिसार बार एसोसिएशन ने एक होकर जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है।
डल्लेवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में डल्लेवाल ने कहा कि कृषि के विषय पर संसद की स्थायी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर एमएसपी गारंटी कानून बनाएं। उन्होंने लिखा कि गारंटी कानून समेत 13 मांगों को लेकर 13 फरवरी से संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में आंदोलन चल रहा है। दोनों मोर्चों की रणनीति के तहत 26 नवम्बर से वे अनशन पर हैं और उम्मीद करते हैं कि मोर्चे की स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री को सूचना मिल रही होगी।
प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए डल्लेवाल ने लिखा कि हालिया समय में कृषि विषय पर संसद की स्थायी समिति ने संसद के सामने रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसमें कहा गया है कि एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए और इससे देश की अर्थव्यवस्था, खासकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बहुत फायदा होगा। इस संसदीय कमेटी में सभी राजनीतिक पार्टियों के सांसद शामिल हैं, यानी देश की सर्वोच्च संस्था संसद की भावना देश के किसानों के लिए एमएसपी गारंटी बनाने के पक्ष में है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस कमेटी में शामिल सभी सांसदों ने सर्वसम्मति से इस रिपोर्ट को तैयार किया है।
उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री ने 20 मई 2014 को पहली बार संसद भवन में प्रवेश करने से पहले सीढ़ियों के सामने नतमस्तक होकर प्रणाम किया था, यानी उन्होंने संसद को सर्वोच्च संस्था के तौर पर सम्मान दिया था। संसद की सर्वदलीय कमेटी ने एमएसपी गारंटी कानून बनाने की सिफारिश की है। उन्होंने आगे लिखा कि सभी किसानों का प्रधानमंत्री से निवेदन है कि वे संसद एवं किसानों की भावना का सम्मान करते हुए एमएसपी गारंटी कानून बनाएं। यदि प्रधानमंत्री को लगता है कि डल्लेवाल आमरण अनशन की कोई औपचारिकता कर रहे हैं या कुछ समय बाद थककर चले जाएंगे, तो यह उनका 29वां दिन है। या तो एमएसपी गारंटी कानून बनने समेत अन्य मांगों के पूरा होने के बाद वे अपना अनशन समाप्त करेंगे, अन्यथा आंदोलन स्थल पर ही अपने प्राण त्याग देंगे।