Wednesday, April 16, 2025
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एचकेआरएन कर्मचारियों को हटाने के बजाए उन्हें उसी पद पर नियमति किया जाए: कुमारी सैलजा

एचकेआरएन कर्मचारियों को हटाने के बजाए उन्हें उसी पद पर नियमति किया जाए: कुमारी सैलजा

कहा-जॉब सुरक्षा की गारंटी देकर एचकेआरएन कर्मियों से वायदा खिलाफी कर रही है नायब सरकार

चंडीगढ़, 10 अप्रैल।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (एचकेआरएन) कर्मचारियों की नौकरी से हटाने के बजाए सरकार को उन्हें नियमित करना चाहिए ताकि उन पर छंटनी की तलवार न लटकी रहे। वैसे भी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पहले कर्मचारियों को नौकरी से न हटाने का वादा किया था और जॉब सुरक्षा की गारंटी भी दी थी पर अब सरकार नए कर्मचारियों की भर्ती के लिए पुराने कर्मचारियों को निकाल रही है जो किसी भी सूरत में उचित नहीं है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में लाखों पद खाली पड़े हुए है और उन पदों को भरने के बजाए एचकेआरएन के तहत अस्थायी कर्मचारी रखे हुए है जिन्हें वेतन भी बहुत कम दिया जाता हैै और उनसे काम नियमित सरकारी कर्मचारी की भांति लिया जा रहा है। इन कर्मचारियों को योग्यता के आधार पर ही नौकरी पर रखा गया है। 19 नवंबर 2024 को नायब सिंह सैनी सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों के लिए विधानसभा में जॉब गारंटी विधेयक पास किया था। इसे भाजपा नेताओं ने ऐतिहासिक कदम बताया था और मुख्यमंत्री ने 1.20 लाख युवाओं से किए वादे को पूरा करने का दावा किया था। एचकेआरएन में कुल कर्मचारियों में से 37,404 यानि 28 प्रतिशत, अनुसूचित जाति और 41,376 (32 प्रतिशत) पिछड़ा वर्ग के कर्मचारी हैं। कुमारी सैलजा का कहना है कि सरकार की वादाखिलाफी से इन सभी कर्मचारियों का भविष्य अनिश्चित हो गया है। पहले ठेकेदारों के बदलने से कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडराता था, लेकिन अब सरकार की नीतियों से उनकी नौकरी दांव पर लग गई है। कर्मचारी संगठन लगातार सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।

सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार की ओर से नए भर्ती किए गए कर्मचारियों को नियुक्ति देने के लिए पहले से एचकेआरएन के तहत रखे गए कर्मचारियों को नौकरी से हटाया जा रहा है। सरकार ने एक ही झटके में वायदा खिलाफी करते हुए हजारों युवाओं को नौकरी से हटाकर सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है, न जाने कितने परिवारों के समक्ष रोटी का संकट पैदा होगा, न जाने कितने कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। एचकेआरएन के तहत कार्यरत सभी को जॉब सिक्योरिटी एक्ट में शामिल करने का दावा किया गया पर अब सरकार नए-नए नियम बनाकर कर्मचारियों को हटाने का काम कर रही है। सरकार की इस वायदा खिलाफी को लेकर कर्मचारी संगठनों में रोष है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार को अपना वायदा निभाते हुए किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं हटाना चाहिए, जो पद आज भी रिक्त पड़े है उन पर नए भर्ती किए गए युवाओं को नियुक्ति दी जाए। कुमारी सैलजा ने कहा कि एचकेआरएन के तहत कार्य कर रहे न जाने कितने कर्मचारी ओवर ऐज हो चुके हैं अगर सरकार उन्हें नौकरी से हटाती है तो वे सड़को पर आ जाएंगे। उनके परिवार के समक्ष आर्थिक संकट पैदो हो जाएगा, सरकार को नौकरी देने की दिशा में काम करना चाहिए न कि नौकरी छीनने की दिशा में। कुमारी सैलजा ने कहा कि कुछ कर्मचारी ऐसे हैै जो पहले एनएचएम के तहत काम करते थे बाद में उनकी नियुक्ति  एचकेआरएन के तहत कर दी गई, ऐसे कर्मचारियों की पिछली सेवा का भी कार्यकाल उनकी एचकेआरएन की सेवा के साथ जोडऩा चाहिए।

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