जालंधर, 10 दिसंबर: पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने आज जालंधर के ऐतिहासिक गांव ब्यास से ‘नशा मुक्त-रंगला पंजाब’ अभियान के तहत नशे के खिलाफ दो दिवसीय पैदल यात्रा की शुरुआत की। इस यात्रा का उद्देश्य नशे की समस्या के प्रति समाज को जागरूक करना और महिलाओं को इस सामाजिक बुराई के खिलाफ एकजुट करने का था।
राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने यात्रा का नेतृत्व करते हुए कहा, “नशे की समस्या से निपटने के लिए सरकार व्यापक उपाय कर रही है, लेकिन इसको पूरी तरह समाप्त करने के लिए हर एक व्यक्ति को मिलकर प्रयास करना होगा। विशेष रूप से महिलाओं को इस आंदोलन में शामिल होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि नशा केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि इससे पूरे परिवार की जिंदगी भी प्रभावित होती है, और अक्सर महिलाएं इसका शिकार होती हैं।
राज्यपाल ने कहा, “महिलाएं समाज की महत्वपूर्ण कड़ी हैं और नशे के खिलाफ इस लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि नशे से जुड़ी कई समस्याएं और अपराध होते हैं, क्योंकि नशे की आदतें व्यक्ति को अपराध की ओर भी धकेल सकती हैं।
कटारिया ने लोगों से अपील की, “यह अभियान केवल एक सरकार या संगठन का नहीं, बल्कि सभी समाज के लोगों का होना चाहिए। नशा मुक्त भविष्य के लिए हमें एकजुट होना पड़ेगा।”
इस यात्रा का आयोजन इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग और प्रसिद्ध लेखक खुशवंत सिंह के प्रयासों से किया गया। यात्रा लगभग 8 किलोमीटर लंबी थी और गांव भट्ठे में समाप्त हुई।
इस दौरान 113 वर्षीय धावक फौजा सिंह भी इस यात्रा में शामिल हुए और करीब एक किलोमीटर पैदल चले। राज्यपाल ने फौजा सिंह को उनके योगदान के लिए सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर विद्यार्थियों, पंचायतों, सामाजिक संस्थाओं और विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने भी यात्रा में भाग लिया और नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए हाथों में बैनर और तख्तियाँ पकड़ीं।
समाप्ति: यह यात्रा बुधवार, 11 दिसंबर को गांव भट्ठे से शुरू होकर करीब 7 किलोमीटर की दूरी तय कर जंग-ए-आज़ादी करतारपुर में समाप्त होगी, जहां समापन समारोह आयोजित किया जाएगा।