फतेहगढ़ साहिब, 27 दिसंबर:
साहिब-ए-कमाल दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी जी की शहादत की स्मृति में आयोजित तीन दिवसीय शहीदी सभा के दूसरे दिन, पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया ने गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में मत्था टेका और इन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों और माता गुजरी जी की शहादत का उदाहरण विश्व इतिहास में कहीं और नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने केवल 9 और 7 साल की उम्र में अत्याचारी मुग़ल शासन का डटकर मुकाबला किया और धर्म के प्रति अपनी आस्था और निष्ठा को बचाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। यह शहादत न केवल भारतीय इतिहास में बल्कि पूरे विश्व में धर्म, साहस और सत्य के प्रतीक के रूप में जानी जाती है।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने इन महान शहीदों की शहादत को पूरे देश में नमन करते हुए उनकी वीरता को हर भारतीय के दिल में सहेजने का कार्य किया है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि हमें छोटे साहिबजादों की महानता और साहस को हमेशा याद रखना चाहिए, ताकि उनकी प्रेरणा से आने वाली पीढ़ियाँ भी अपनी संस्कृति और धर्म के प्रति उतनी ही निष्ठावान रहें।
इस धार्मिक आयोजन में राज्यपाल के साथ डी.आई.जी. श्री हरचरण सिंह भुल्लर, डिप्टी कमिश्नर डॉ. सोना थिंद, जिला पुलिस प्रमुख डॉ. रवजोत गरेवाल, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (सामान्य) गीतिका सिंह और अन्य उच्च अधिकारी भी उपस्थित थे। इस मौके पर राज्यपाल ने शहीदों के परिजनों से मुलाकात भी की और उनके संघर्ष और बलिदान को सलाम किया।
फतेहगढ़ साहिब में आयोजित यह शहीदी सभा एक ऐतिहासिक और श्रद्धांजलि समारोह था, जहां श्रद्धालुओं और वरिष्ठ नेताओं ने साहिबजादों और माता गुजरी जी के योगदान को याद किया और उनके शौर्य को सलाम किया।