चंडीगढ़, 13 जनवरी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने केंद्र सरकार पर किसान आंदोलन और उनकी मांगों को लेकर गंभीरता न दिखाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत और किसानों के उग्र तेवर सरकार के लिए स्पष्ट चेतावनी हैं। सरकार के पास अभी भी समय है कि वह किसान संगठनों से सार्थक वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान निकाले, अन्यथा किसान आंदोलन का दायरा देशव्यापी हो सकता है।
मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत लगातार बिगड़ रही है, लेकिन सरकार इस आंदोलन को नजरअंदाज कर रही है और इसे गंभीरता से नहीं ले रही। पिछले डेढ़ माह में किसान आंदोलन के दौरान तीन किसानों की मौत हो चुकी है, जो केंद्र सरकार के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है। उन्होंने कहा कि किसान सोच रहे हैं कि यदि डल्लेवाल को कुछ भी होता है तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है।
कुमारी सैलजा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह किसानों की मांगों को गंभीरता से सुने और एमएसपी कानून की गारंटी देकर उनके भविष्य को सुरक्षित करे। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार की उदासीनता के चलते यदि आंदोलन और हिंसक हुआ, तो इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ सकता है। किसान छोटे-छोटे प्रदर्शनों के माध्यम से सरकार को नींद से जगाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी बात सुनने से इनकार कर रही है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, छोटे और मझोले किसानों के कृषि कर्ज माफी, तथा भूमिहीन मजदूरों और छोटे किसानों के लिए पेंशन की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। सरकार को इन मुद्दों पर किसी भी माध्यम के बिना सीधे किसानों से संवाद करना चाहिए और उनकी समस्याओं का हल निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि बातचीत से हर समस्या का समाधान संभव है, लेकिन केंद्र सरकार किसानों से संवाद करने से बच रही है।