Wednesday, December 18, 2024
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सरकार ने लोकसभा में माना: घग्गर नदी के किनारे बसे लोगों में कैंसर का उच्च जोखिम

चंडीगढ़/17 दिसंबर

हरियाणा के कई जिलों से होकर बहने वाली घग्गर नदी के आसपास रहने वाले लोगों में कैंसर का खतरा बहुत अधिक बढ़ गया है। नदी का पानी इतना प्रदूषित हो चुका है कि न तो यह पीने लायक है और न ही नहाने के लायक। प्रदूषित पानी के कारण कैंसर के मरीजों की संख्या में लगातार इज़ाफा हो रहा है। हालांकि, इन मरीजों के लिए पर्याप्त उपचार सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं, जिसके कारण उन्हें इलाज के लिए दिल्ली, चंडीगढ़ या अन्य राज्यों में जाना पड़ता है।

सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री से हरियाणा में कैंसर के मरीजों की संख्या, इन मरीजों के इलाज के लिए विभिन्न जिलों में बनाए गए विशेष कैंसर वार्डों का ब्यौरा और घग्गर नदी के प्रदूषित पानी के कैंसर फैलाने में भूमिका पर सवाल उठाए थे। कुमारी शैलजा ने यह भी पूछा था कि क्या सरकार के पास इस नदी को साफ करने की कोई योजना है और क्या केंद्र सरकार गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों के कैंसर मरीजों को कोई विशेष सहायता प्रदान करती है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रतापराव जाधव ने जवाब में बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के तहत हरियाणा में 2019 में 1,486, 2020 में 1,536, 2021 में 1,580, 2022 में 1,630 और 2023 में 1,678 कैंसर के मामले सामने आए हैं। मंत्री ने आगे बताया कि भादसा स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में कैंसर रोगियों के लिए व्यापक सुविधाएं हैं, और हिसार, करनाल, नूंह, सोनीपत तथा रोहतक के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भी कैंसर रोगियों की देखभाल की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा, राज्य के सभी 22 जिलों में गैर-संचारी रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) लागू किया गया है। एनपी-एनसीडी के तहत पंचकूला, अंबाला, फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में जिला एनसीडी क्लीनिक, 157 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एनसीडी क्लीनिक और पांच जिलों में जिला कैंसर डेकेयर सेंटर संचालित हैं।

मंत्री ने यह भी बताया कि अध्ययनों से पता चलता है कि घग्गर नदी के आसपास रहने वाले लोगों में कैंसर का खतरा अधिक है, क्योंकि नदी के पानी में सीसा, लोहा और एल्युमीनियम की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक है, जो कैंसर के प्रसार में योगदान करता है। हरियाणा में यह नदी का पानी पीने और नहाने के लिए अनुपयुक्त है।

राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत, घग्गर नदी के जलग्रहण क्षेत्र में छोड़े जाने वाले अपशिष्ट जल के उपचार के लिए पंजाब में 291.7 एमएलडी की कुल क्षमता वाले 28 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किए गए हैं, जबकि हरियाणा ने 588 एमएलडी की सीवेज उपचार क्षमता बनाई है।

मंत्री ने यह भी बताया कि सरकारी संस्थाओं में कैंसर का इलाज मुफ्त या सब्सिडी पर उपलब्ध है, और गरीब मरीजों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत, परिवारों को अस्पताल में भर्ती होने पर प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाता है।

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