Sunday, December 22, 2024
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डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्टर्स की हड़ताल ने प्रशासन को झुकाया, 26 दिसंबर को होगी अहम बैठक

गार्बेज कलेक्टर्स की हड़ताल : नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने 26 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया 

डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्टर्स की हड़ताल ने प्रशासन को झुकाया, 26 दिसंबर को होगी अहम बैठक

डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्टर्स सोसाइटी के प्रधान धर्मवीर राणा ने हड़ताल की सफलता पर खुशी जाहिर की

चण्डीगढ़ : डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्टर्स सोसाइटी, चण्डीगढ़ ने अपनी मांगों को लेकर शनिवार को सुबह 8 बजे से ही सेक्टर 25 स्थित एमआरएफ सेंटर पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने अपने अधिकारों और लंबित समस्याओं के समाधान के लिए कार्य रोका, जिससे प्रशासन को आखिरकार सुनवाई के लिए मजबूर होना पड़ा।

सोसाइटी के प्रधान धर्मवीर राणा ने हड़ताल की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए सभी गार्बेज कलेक्टर्स का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल हमारे संघर्ष और एकजुटता का प्रतीक है। नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने 26 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है, जो हमारी मेहनत का परिणाम है।

गार्बेज कलेक्टर्स की मांगे

गार्बेज कलेक्टर्स लंबे समय से बेहतर वेतन, कामकाज की बेहतर परिस्थितियों और नई गाड़ियों की सुविधा जैसी मांगें कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी समस्याओं को बार-बार अनसुना किया गया, जिससे यह कदम उठाना पड़ा।

धर्मवीर राणा ने कहा “अगर 26 दिसंबर की बैठक में समाधान नहीं निकला, तो मजबूर होकर हमें फिर से हड़ताल का सहारा लेना पड़ेगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।”

प्रदर्शन का असर

प्रदर्शन के कारण कई इलाकों में गार्बेज कलेक्शन प्रभावित हुआ, लेकिन राणा ने सुनिश्चित किया कि शहरवासियों को कम से कम असुविधा हो। उन्होंने कहा कि यह कदम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

शहरवासियों और सहयोगियों का धन्यवाद

राणा ने प्रदर्शन में शामिल हुए सभी कर्मचारियों, सहयोगियों और कैबिनेट सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मार्केट और कमर्शियल एरिया के साथियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके समर्थन ने आंदोलन को मजबूती दी।
26 दिसंबर को होने वाली बैठक इस पूरे विवाद के समाधान के लिए अहम होगी। राणा ने उम्मीद जताई कि नगर निगम प्रशासन उनकी मांगों को गंभीरता से सुनेगा और समाधान निकालेगा।

यह आंदोलन न केवल गार्बेज कलेक्टर्स के अधिकारों की लड़ाई है, बल्कि प्रशासन के प्रति कर्मचारियों की नाराजगी का भी प्रतीक है। शहर अब 26 दिसंबर की बैठक के नतीजों पर नजर गड़ाए हुए है।

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