31 जनवरी 2025:
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) को एक बड़ा झटका लगा, जब पार्टी के सात विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इस्तीफों की शुरुआत महरौली के विधायक नरेश यादव से हुई, जो पहले इस्तीफा देने वाले थे। कुछ ही घंटों बाद जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि ने भी पार्टी छोड़ दी। इसके बाद त्रिलोकपुरी के रोहित कुमार मेहरौलिया, कस्तूरबा नगर के विधायक मदन लाल, बिजवासन के भूपेंद्र सिंह जून, पालम की भावना गोड़ और आदर्श नगर के पवन कुमार शर्मा ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। ये सभी विधायक आगामी चुनावों के लिए पार्टी से टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी से अलग हो गए।
इन इस्तीफों का असर आगामी चुनावों में AAP की स्थिति पर 8 फरवरी को होने वाली मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगा।
इस्तीफे में क्या लिखा था?
नरेश यादव का इस्तीफा:
महरौली के विधायक नरेश यादव ने अपने इस्तीफे में कहा कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन से बनी थी, लेकिन आज वे यह देखकर दुखी हैं कि पार्टी में भ्रष्टाचार बढ़ चुका है। यादव ने कहा कि उन्होंने महरौली विधानसभा में 10 साल तक ईमानदारी से काम किया, लेकिन अब पार्टी भ्रष्टाचार में लिप्त हो गई है। उन्होंने महरौली के लोगों से यह भी कहा कि अब पार्टी की ओर से धोखा दिया जा रहा है और उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है। यादव ने अपने समर्थकों से कहा कि वे भविष्य में ईमानदारी की राजनीति करते रहेंगे और उनका आशीर्वाद उनके साथ रहेगा।
राजेश ऋषि का इस्तीफा:
जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि ने अपने इस्तीफे में AAP पर भ्रष्टाचार-रहित शासन के सिद्धांतों से भटकने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा कि पार्टी ने अपनी मूल प्राथमिकताओं को छोड़ दिया है और अब राजनीतिक सुविधा को लोगों के कल्याण पर तरजीह दी जा रही है। ऋषि ने यह भी कहा कि अन्ना हजारे के आंदोलन से उत्पन्न हुई पार्टी अब अपने सिद्धांतों से हटकर भ्रष्टाचार में लिप्त हो गई है। उन्होंने पार्टी के उन निर्णयों की निंदा की जिनमें भ्रष्टाचारियों को टिकट दिया गया, जैसे संतोष कोली के हत्यारे को टिकट देने का मामला।
ऋषि ने पार्टी में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई और कहा कि अब वह ऐसी पार्टी का हिस्सा नहीं रह सकते जो अपनी नैतिक दिशा खो चुकी है।