पंजाब के अमृतसर में 26 जनवरी को डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़े जाने की घटना पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के महासचिव बिक्रम सिंह मजीठिया ने आम आदमी पार्टी (आप) की प्रदेश सरकार पर जमकर हमला किया है। मजीठिया ने कहा कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति इतनी खराब है कि राज्य में हाई अलर्ट घोषित होने के बावजूद 26 जनवरी को बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा को तोड़ दिया गया। यह घटना पुलिस की सबसे बड़ी विफलता है, जो राज्य सरकार की लापरवाही को उजागर करती है।
मजीठिया ने कहा कि घटना से एक दिन पहले दो एडीजीपी ने यहां आकर सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया था, फिर भी ऐसी घटना हुई। यह दर्शाता है कि पंजाब में स्थिति सही नहीं है। इससे पहले राज्य में आठ से नौ बम धमाके हो चुके हैं, और अब अमृतसर जैसे सीमावर्ती जिले में इस तरह की घटना होना एक सोची-समझी साजिश है। मजीठिया ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए कहा कि दुर्भाग्यवश मुख्यमंत्री और गृहमंत्री दिल्ली में व्यस्त हैं और इस मामले पर अब तक कोई समीक्षा बैठक नहीं की गई है।
उन्होंने आगे कहा कि पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है, और अमृतसर के सीमावर्ती क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं पंजाब में आग लगाने की साजिश का हिस्सा हो सकती हैं। 26 जनवरी को हुई यह घटना पंजाब को दहलाने और जलाने की कोशिश है।
मजीठिया ने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब में स्थिति ठीक नहीं है, जैसा कि हाल ही में हिंदू भाईचारे से संबंधित रजिंद्र कुमार पप्पू के गांव जयंतीपुर में उनके घर पर हमला कर उन्हें टारगेट किया गया था। अब 26 जनवरी को बाबा साहेब की प्रतिमा को निशाना बनाना यह दर्शाता है कि पंजाब सरकार और पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम हैं। यदि सब कुछ सही था, तो ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं, जैसे कि सरकार के मंत्री कहते हैं कि सब कुछ नियंत्रण में है।