31 दिसंबर 2024:
गुरुग्राम के सेक्टर-29 स्थित पब में 10 दिसंबर की सुबह हुए बम धमाकों की जांच में एसआईटी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। सूत्रों के अनुसार, इस धमाके की साजिश विदेश में बैठकर रची गई थी और आरोपियों का मकसद सिर्फ दहशत फैलाना था।
एसआईटी की जांच में यह बात सामने आई है कि करीब दो साल पहले किसान आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले रणबीर मलिक के संपर्क में सचिन नामक युवक आया था। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि सचिन ने इस साजिश में मदद की, और उसकी सहायता करने वाले सभी आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में हैं।
एसआईटी के अनुसार, सचिन ने 10 दिसंबर की अल सुबह सेक्टर-29 के टॉय बॉक्स के पास दो ब्लास्ट किए थे। जांच के दौरान अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो सचिन की मदद करने में शामिल थे।
पुलिस को यह भी पता चला है कि जींद के रणबीर मलिक की गोल्डी बराड़ से दोस्ती थी और किसान आंदोलन के दौरान सचिन इन दोनों के संपर्क में आया था। विदेश जाने के बाद रणबीर मलिक ने सचिन को यह काम सौंपा था। पुलिस ने दहशत फैलाने में मदद करने वाले सभी आरोपियों से पूछताछ पूरी कर ली है। गोल्डी बराड़ और रणबीर मलिक का नाम इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट में है।
अब तक की जांच रिपोर्ट एनआईए को सौंप दी गई है।
चंडीगढ़ और गुरुग्राम के बम धमाकों में एक ही मास्टरमाइंड का हाथ एसआईटी की छानबीन से यह भी पता चला है कि चंडीगढ़ में जिस प्रकार का बम इस्तेमाल हुआ था, वही बम गुरुग्राम में भी इस्तेमाल किया गया था। एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों से भी एसआईटी ने हिसार जेल में पूछताछ की है। इसके अलावा, हिसार के कुछ अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ की गई है।
गोल्डी बराड़ और रणबीर मलिक का नाम हाल ही में ग्रेटर कैलाश वन में नादिर शाह की हत्या में भी सामने आया था। हालांकि, रणबीर मलिक का नाम अब तक हरियाणा में अपराध की दुनिया से जुड़ा हुआ था, लेकिन गुरुग्राम में यह पहली बार सामने आया है।