Wednesday, January 22, 2025
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बिहार: बेऊर जेल में पार्टी और हाई-टेक फोटोशूट का खुलासा, प्रशासन पर गंभीर आरोप; आरोपी कई मामलों में बंद

10 जनवरी 2025:

राजधानी पटना के बेऊर केंद्रीय कारा से एक बार फिर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कैदी जेल के अंदर खुलेआम पार्टी करते, गाना बजाते और हाई-टेक कैमरे से तस्वीरें खींचते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह मामला न केवल जेल मैनुअल का उल्लंघन है, बल्कि जेल प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। हालांकि, इस वायरल वीडियो की पुष्टि अमर उजाला नहीं करता है।

जेल के अंदर नशीले पदार्थों के कारोबार का आरोप

सूत्रों के अनुसार, बेऊर जेल में जेल प्रबंधक और कर्मचारियों की मिलीभगत से शराब और गांजे का अवैध व्यापार चल रहा है। एक पुलिसकर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जेल गेट से लेकर अंदर तक सब कुछ ‘मैनेज’ होता है। शाम के समय, जब कैदी अपने वार्ड में बंद होते हैं, उसी दौरान शराब, सिगरेट और गांजे जैसे नशीले पदार्थ जेल के अंदर पहुंचाए जाते हैं। आरोप है कि इस पूरे कारोबार के पीछे जेल सुपरिंटेंडेंट और राइटर की मुख्य भूमिका होती है।

मूल्य में भारी अंतर

बाजार में 10 रुपये में मिलने वाली एक सिगरेट की कीमत जेल के अंदर 100 रुपये तक पहुंच जाती है। वहीं, खैनी की कीमत 50 रुपये और शराब की एक निप (180ml) 1000 रुपये में बिकती है। इस कमाई का हिस्सा जेल सुपरिंटेंडेंट और अन्य कर्मियों में बंटता है।

कुख्यात कैदियों की पहचान

वायरल वीडियो में उजली टीशर्ट पहने एक व्यक्ति अभिषेक के नाम से पहचान गया है, जो हाजीपुर के जंदाहा का निवासी है। वह कई बड़े सोना लूटकांड का आरोपी रहा है। कुछ समय पहले उसे भागलपुर जेल भेजा गया था, लेकिन ऊंची रिश्वत के दम पर उसे फिर से पटना के बेऊर जेल में वापस लाया गया।

जेल सुपरिंटेंडेंट पर पहले से आरोप

हाल के दिनों में बेऊर जेल के सुपरिंटेंडेंट विधु कुमार सुर्खियों में रहे हैं। आर्थिक अपराध इकाई ने उनकी संपत्ति पर छापामारी की थी, जिसमें आय से अधिक संपत्ति के सबूत मिले थे। यह मामला पहले ही उनके खिलाफ सवाल खड़ा कर चुका है।

मोबाइल और तकनीकी उपकरणों की आसान उपलब्धता

बेऊर जेल में कैदियों को आसानी से 4G और 2G मोबाइल फोन मिल जाते हैं। कई बार छापामारी और कार्रवाई के बावजूद, इस पर अंकुश लगाना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। यह घटना जेल प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाती है। यह स्पष्ट है कि बिना प्रशासन की मिलीभगत के इस तरह का अवैध कारोबार और लग्जरी सुविधाएं संभव नहीं हैं।

क्या होगी कार्रवाई?

वायरल वीडियो और आरोपों के बाद अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उच्च अधिकारी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। जेल की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए ठोस कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है।

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