31 जनवरी 2025:
समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर में आयोजित एक सभा में सीपीआईएम विधायक अजय कुमार का भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाने संबंधी बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने जनता से सरकारी अधिकारियों की अनियमितताओं के खिलाफ सख्ती बरतने की बात कही, जिसके बाद उनके बयान को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है।
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Toggleभ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख
विभूतिपुर से विधायक अजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि लोग अपने झंडे में मजबूत डंडा रखें और अगर कोई सरकारी अधिकारी रिश्वत मांगता है तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाएं। उन्होंने कहा, “अगर कोई अधिकारी घूस मांगे, तो उसे सबक सिखाने की जरूरत है। यदि इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई होती है, तो मैं स्वयं आगे आकर सहयोग करूंगा।”
उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि, वायरल वीडियो में केवल अधिकारी के खिलाफ सख्ती बरतने की बात स्पष्ट रूप से सुनाई दे रही है।
सरकारी अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप
सभा के दौरान विधायक अजय कुमार ने कहा कि बिहार सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा करती है, लेकिन वास्तविकता इससे अलग है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभिन्न सरकारी योजनाओं, खासकर प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत लाभार्थियों के नाम जोड़ने के लिए 2,000 से 5,000 रुपये तक की रिश्वत मांगी जा रही है। उन्होंने कहा कि गरीब और जरूरतमंद लोग आर्थिक तंगी के कारण इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, जबकि घूस देने वालों को प्राथमिकता दी जा रही है।
बयान पर राजनीतिक घमासान
विधायक के इस बयान से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कुछ लोग इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे अराजकता को बढ़ावा देने वाला बयान बता रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अजय कुमार का बयान लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ उकसाने वाला हो सकता है, लेकिन विधायक का तर्क है कि अगर सरकार भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करती, तो जनता को न्याय के लिए मजबूर होना पड़ता है।
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस पूरे मामले पर अब तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस विवादित बयान को लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं।