Tuesday, February 4, 2025
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National Girl Child Day: बिहार में बेटियों का जन्म बनेगा सौभाग्यशाली! जानें, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लाभ

भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य बालिकाओं को सशक्त बनाने और समाज में उनके महत्व को बढ़ावा देना है। साल 2008 से इस दिन का आयोजन शुरू हुआ। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा आज देशभर में गूंजता है। बिहार, जो कभी बालिकाओं की शिक्षा और अवसरों के मामले में पिछड़ा माना जाता था, अब सकारात्मक बदलाव की मिसाल पेश कर रहा है।

बिहार में ‘मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना’ के तहत बालिकाओं को उनके जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक वित्तीय सहायता दी जा रही है। यह योजना महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य की एक बड़ी पहल है।

जन्म से लेकर शिक्षा तक आर्थिक मदद का लाभ:
बिहार सरकार ने बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहित करने, उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार लाने, और समाज में उनके प्रति सोच बदलने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना’ शुरू की। इस योजना के तहत बेटियों को जन्म से स्नातक तक आर्थिक मदद दी जाती है।

  • जन्म के समय सहायता: बच्ची के जन्म पर 2,000 रुपये सीधे माता-पिता के बैंक खाते में भेजे जाते हैं।
  • आधार और टीकाकरण पर सहायता: एक साल के भीतर आधार से लिंक करने पर 1,000 रुपये, और दो साल में संपूर्ण टीकाकरण होने पर 2,000 रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाती है।
  • कुल शुरुआती सहायता: बच्ची के जन्म से दो साल की उम्र तक कुल 5,000 रुपये मिलते हैं।

पोशाक और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के लिए सहायता:

  • मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना:
    • पहली और दूसरी कक्षा की छात्राओं को 600 रुपये
    • तीसरी से पांचवीं कक्षा तक 700 रुपये
    • छठी से आठवीं कक्षा तक 1,000 रुपये
    • नौवीं से बारहवीं कक्षा तक 1,500 रुपये पोशाक के लिए प्रदान किए जाते हैं।
  • किशोरी स्वास्थ्य योजना: आठवीं कक्षा से छात्राओं को सेनेटरी पैड के लिए प्रति वर्ष 300 रुपये दिए जाते हैं।

पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहन:

  • माध्यमिक (10+2) प्रोत्साहन योजना: बिहार बोर्ड से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण अविवाहित छात्राओं को 25,000 रुपये की राशि दी जाती है।
  • स्नातक प्रोत्साहन योजना: अप्रैल 2021 के बाद स्नातक उत्तीर्ण (विवाहित या अविवाहित) सभी छात्राओं को 50,000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है।

महिला सशक्तीकरण की नई तस्वीर:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह योजना घर-घर तक पहुंच चुकी है। बेटियां अब न केवल शिक्षा में, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं, खेल और अन्य क्षेत्रों में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हैं। स्कूल ड्रेस में साइकिल से विद्यालय जाती लड़कियां इस योजना की सफलता की गवाही देती हैं।

निष्कर्ष:
‘मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना’ ने बिहार में बेटियों के प्रति समाज की सोच बदलने में अहम भूमिका निभाई है। यह योजना आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सशक्तीकरण की दिशा में देशभर के लिए एक मिसाल बन गई है।

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