चंडीगढ़, 23 दिसंबर:
पाकिस्तान-आई.एस.आई. द्वारा प्रायोजित खालिस्तान ज़िंदाबाद फोर्स (के.ज़ेड.एफ.) आतंकी संगठन के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए, पंजाब पुलिस और उत्तर प्रदेश (यूपी) पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन के तहत गुरदासपुर में पुलिस थाने पर ग्रेनेड हमला करने वाले इस मॉड्यूल के तीन सदस्यों के साथ भारी मुठभेड़ की। यह जानकारी पंजाब पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने सोमवार को दी।
यह मुठभेड़ यूपी के पीलीभीत जिले के थाना पूरनपुर के अधिकार क्षेत्र में हुई, जब तीन सदस्यीय आतंकी मॉड्यूल ने पुलिस टीम पर गोलियां चलाईं।
यह घटना 18 दिसंबर 2024 को गुरदासपुर के कलानौर पुलिस थाने के क्षेत्र के बख्शीवाला पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के एक सप्ताह से भी कम समय में हुई। उल्लेखनीय है कि इस आतंकी गतिविधि की जिम्मेदारी के.ज़ेड.एफ. ने सोशल मीडिया पर ली थी।
डीजीपी गौरव यादव ने तीनों आतंकी मॉड्यूल के सदस्यों की पहचान वरिंदर सिंह उर्फ रवि (निवासी अगवान, कलानौर), गुरविंदर सिंह (निवासी मोहल्ला भैणी बाणिया, कलानौर) और जशनप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह (निवासी शूर खुर्द, कलानौर) के रूप में की है। उन्होंने आगे बताया कि यूपी पुलिस टीमों ने उनके कब्जे से दो AK-47 राइफलें और दो 9 एमएम ग्लॉक पिस्तौलें भी बरामद की हैं।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इस आतंकी मॉड्यूल को के.ज़ेड.एफ. के मुखिया रंजीत सिंह नीटा द्वारा नियंत्रित किया जाता है और ग्रीस स्थित जसविंदर सिंह मन्नू (जो मूल रूप से अगवान, कलानौर का निवासी है) इसे संचालित करता है।
गौरतलब है कि इस मॉड्यूल का नेतृत्व करने वाला आरोपी वरिंदर उर्फ रवि भी गांव अगवान का निवासी है, और उसे ब्रिटेन स्थित जगजीत सिंह द्वारा निर्देशित किया जा रहा था, जो ब्रिटिश सेना में कार्यरत है और खुद को फतेह सिंह बागी के नाम से पहचानता है। इसी नाम से उसने सोशल मीडिया पर ग्रेनेड हमले की जिम्मेदारी भी ली थी।
डीजीपी गौरव यादव ने इस ऑपरेशन को अंतरराज्यीय सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण बताया, जिसमें पंजाब और यूपी पुलिस ने मिलकर काम किया। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस को जो जानकारी मिली, उसे तुरंत यूपी पुलिस के साथ साझा किया गया, जिसके बाद संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) बार्डर रेंज, सतिंदर सिंह ने बताया कि संदिग्धों के यूपी भागने और पीलीभीत में शरण लेने के बारे में विश्वसनीय सूचना मिलने के बाद, गुरदासपुर पुलिस ने तुरंत पीलीभीत पुलिस को सूचित किया और संयुक्त कार्रवाई के लिए पुलिस टीमों को भेजा।
उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने आरोपियों को गिरफ्तार किया और जब वे पुलिस टीम पर गोलियां चला रहे थे, तो पुलिस को मजबूरन जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। गोलीबारी के दौरान तीनों आरोपियों को गोली लगी, जिन्हें तुरंत सीएचसी पूरनपुर में इलाज के लिए भेजा गया।
गुरदासपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरीश दियामा ने कहा कि इस आतंकी मॉड्यूल के सभी संबंधों और सदस्यों का पर्दाफाश करने के लिए आगे की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां और बरामदगी की संभावना है।
इस संबंध में एफआईआर संख्या 124, दिनांक 19/12/2024 को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 109 और 324(4) और विस्फोटक अधिनियम की धारा 4(5) के तहत थाना कलानौर में दर्ज की गई थी। बाद में, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13, 16, 17, 18-बी, 20, 35 और 40 को भी एफआईआर में शामिल किया गया है।