चंडीगढ़, 17 दिसंबर।:
उद्योगपति गौतम अदानी के भ्रष्टाचार पर अमेरिका में हुए खुलासे और मणिपुर में जारी हिंसा के मुद्दे को लेकर देशभर की तरह हरियाणा कांग्रेस ने भी जोरदार प्रदर्शन किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान, पार्टी के सहप्रभारी जितेंद्र बघेल, कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज के नेतृत्व में बड़ी तादाद में कांग्रेस नेता, विधायक और कार्यकर्ताओं ने राजभवन की तरफ मार्च किया।
हालांकि, पुलिस ने तानाशाही दिखाते हुए शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ रहे मार्च को रास्ते में ही रोक दिया। इसके बावजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग पर जमकर नारेबाजी की और विभिन्न मुद्दों पर अपना विरोध दर्ज कराया। इस मौके पर चौधरी उदयभान ने अदानी के भ्रष्टाचार की जांच और मणिपुर में शांति बहाली की मांग की। उन्होंने दोनों ही मामलों में बीजेपी सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए और सरकार की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि सरकार अदानी के मामले में जांच से बच रही है, यहां तक कि संसद में भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होने दी गई। इसलिए कांग्रेस सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज़ उठा रही है।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस किसानों के मुद्दे पर भी सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहती है। उन्होंने बीजेपी से अपील की कि वह आंदोलनरत किसानों से बातचीत कर जल्द समाधान निकाले। हुड्डा ने कहा कि 22 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत चिंताजनक हो चुकी है और उनका जीवन सभी के लिए अनमोल है। सरकार को उनकी मांगों का समाधान तुरंत करना चाहिए और अनशन खत्म करवाना चाहिए।
हुड्डा ने आगे कहा कि कांग्रेस सड़क से लेकर संसद तक किसानों की जायज मांगों को उठा रही है। किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण रहा है और बीजेपी ने एमएसपी का वादा कर किसान आंदोलन खत्म किया था, लेकिन अब तक एमएसपी कमेटी का कोई अता-पता नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन उसने न केवल अपने वादे को भूला, बल्कि किसानों की लागत भी कई गुना बढ़ा दी है।
हुड्डा ने यह भी कहा कि किसानों का आंदोलन अब तक शांतिपूर्ण रहा है। वे बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली के दिल्ली जाने के लिए तैयार हो गए थे, फिर भी उन्हें दिल्ली जाने से रोकना पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। प्रजातंत्र में सभी नागरिकों को शांतिपूर्ण तरीके से कहीं भी आने-जाने और अपनी बात कहने का अधिकार है।
इस मौके पर कई प्रमुख नेता और विधायक उपस्थित थे, जिनमें धर्मपाल मलिक (पूर्व अध्यक्ष), बीबी बतरा (विधायक), गीता भुक्कल (विधायक), शकुन्तला खटक (विधायक), कुलदीप वत्स (विधायक), रामकरण काला (विधायक), देवेंद्र हंस (विधायक), इन्दुराज नरवाल (विधायक), रघुबीर तेवतिया (विधायक), मोहम्मद इसराइल (विधायक), चंद्र प्रकाश जांगड़ा (विधायक), जस्सी पेटवाड (विधायक), बलवान दौलतपुरिया (विधायक), अकरम ख़ान (विधायक), राजबीर फ़र्टिया (विधायक), विकास सहारण (विधायक), शीशपाल केहरवाल (विधायक), बलराम दाँगी (विधायक), भरत सिंह बेनीवाल (विधायक), मंजु चौधरी (विधायक), नरेश शेलवाल (विधायक), सुल्तान जड़ौला (पूर्व विधायक), लहरी सिंह (पूर्व विधायक), धर्मपाल गोन्धर (पूर्व विधायक), सुखबीर फ़रमाना, चाँदवीर हुड्डा, दिव्यांशु बुद्धिराजा, केवल ढींगरा, सुधा भारद्वाज सहित सैकड़ों नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।