Shimla Report: Ravi Thakur
हिमाचल प्रदेश शहरी परिवहन व अड्डा प्रबंधन एवं विकास प्राधिकरण के निदेशक मंडल की 70वीं बैठक आज शिमला में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने की। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उप मुख्यमंत्री ने बताया कि एचआरटीसी को सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और इसी कड़ी में आज निदेशक मंडल की बैठक में विभिन्न निर्णय लिए गए हैं।
बैठक में एचआरटीसी की बसों की संख्या बढ़ाने और पुराने बसों को बदलने का निर्णय लिया गया। सब्जी और दूध लाने-ले जाने के लिए एचआरटीसी बसों में लगेज पॉलिसी के तहत छूट दी गई है, जिससे किसानों को फायदा होगा। इसके अलावा, शिमला में ढली और ठियोग बस अड्डे को जल्द शुरू करने का निर्णय भी लिया गया। ऊना और हमीरपुर में ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर का काम शुरू करने का निर्णय भी बैठक में लिया गया।
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उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस की मजबूत सरकार है जो प्रदेश हित के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। हिमाचल भवन दिल्ली और एचपीटीडीसी के 18 होटलों के मामले में हाई कोर्ट के निर्णय को भी सरकार ने सशक्त रूप से उठाया है।
मुख्य निर्णय:
- एचआरटीसी को सशक्त करने के लिए इस साल के अंत तक 1000 बसों को बदला जाएगा।
- एचआरटीसी बसों में सब्जी और दूध लाने-ले जाने के लिए लगेज पॉलिसी में छूट दी गई है – किसानों के ऐसे सामान के लिए टिकट नहीं लगेगा।
- कैशलेस टिकटिंग में मिली सफलता – एचआरटीसी देश का पहला परिवहन निगम बना।
- शिमला में ढली और ठियोग बस अड्डे को जल्द शुरू करने का निर्णय।
- 40 स्वीकृत बस अड्डों के निर्माण व सौंदर्यीकरण के कार्य शुरू किए जाएंगे – इसके लिए कमेटी गठित की गई है।
- ऊना और हमीरपुर में ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर का काम शुरू करने का निर्णय।
- 148 बस रूट निजी बस ऑपरेटर को दिए जा रहे हैं।
- शिमला बस अड्डे के संचालन का मामला प्रदेश मंत्रिमंडल में उठाया जाएगा।
मुकेश अग्निहोत्री का बयान:
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में उप मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कई अन्य मामलों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की मजबूत सरकार है जो राजनीतिक और कानूनी रूप से सशक्त है और प्रदेश हित के लिए किसी भी प्रकार का फैसला लेने में सक्षम है। हिमाचल भवन दिल्ली और एचपीटीडीसी के 18 होटलों के मामले में हाई कोर्ट के निर्णय को भी सरकार ने सशक्त रूप से कोर्ट में उठाया है, जिससे पर्यटन निगम के होटलों का संचालन सुचारु रूप से जारी रहेगा। इसी प्रकार, दिल्ली हिमाचल भवन के मामले में भी सरकार ने 64 करोड़ रुपए जमा कर दिए हैं और अब इस प्रॉपर्टी को भी सरकार नहीं जाने देगी।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि विरोधी लगातार प्रदेश सरकार को टॉयलेट टैक्स और अन्य मामलों में निशाने पर ले रहे हैं, लेकिन सरकार अपने कार्य में लगी है और प्रदेश हित के फैसले लगातार लिए जा रहे हैं।