Thursday, December 26, 2024
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मुख्यमंत्री ने संविधान दिवस पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित राज्यस्तरीय अमृत महोत्सव समारोह में की शिरकत

कुरुक्षेत्र, 26 नवंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित संविधान दिवस के राज्यस्तरीय अमृत महोत्सव समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संविधान दिवस और संविधान के अमृत महोत्सव की बधाई दी और कहा कि राज्य सरकार संविधान की मूल भावना के अनुरूप अपनी प्रगतिशील नीतियों एवं कार्यक्रमों के माध्यम से लोकतांत्रिक सिद्धांतों को निरंतर आगे बढ़ा रही है।

मुख्यमंत्री ने संविधान दिवस समारोह के दौरान सूचना जनसंपर्क, भाषा और संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, “आज का दिन हम सभी के लिए विशेष गर्व और गौरव का है, क्योंकि आज ही के दिन 26 नवंबर, 1949 को देश की संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंगीकार किया था। संविधान दिवस का उद्देश्य हमारे नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाना है।”

उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में लिखे गए “We the People” वाक्य का महत्व बताया, जो भारत की एकता, अखंडता और गणराज्य में हर नागरिक के विश्वास का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शब्द केवल तीन शब्द नहीं हैं, बल्कि यह पूरे भारत के जनगण का प्रतिनिधित्व करते हैं और यह एकता की अपील, अखंडता की प्रतिज्ञा और गणराज्य में हर नागरिक के विश्वास का प्रतीक हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उल्लेख:
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू एवं कश्मीर से धारा 370 और 35A हटाकर अखंड भारत के अधूरे सपने को पूरा किया है। यह कदम हमारे संविधान के शिल्पी और भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। इस कदम से ‘एक विधान, एक निशान, एक प्रधान’ के सपने को साकार किया गया है।”

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संविधान का महत्व और भारतीय लोकतंत्र:
मुख्यमंत्री ने भारतीय संविधान के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह संविधान ने ही विविधताओं से भरे इस देश को एकता के सूत्र में पिरोया है। इस संविधान ने समानता, न्याय और ऊंचे आदर्शों वाला गणराज्य स्थापित किया और सभी नागरिकों को विचारों की स्वतंत्रता और समान अवसर प्रदान किए।

उन्होंने आगे कहा कि स्वशासन की यह परंपरा हमारी प्राचीन संस्कृति का हिस्सा रही है, और हमें इसे संविधान के माध्यम से पूरी तरह से लागू करने का अवसर मिला। यही कारण है कि हम आज संविधान के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करने और इसके अनुरूप कार्य करने के लिए एकत्रित हुए हैं।

संविधान दिवस की महत्वता पर चर्चा:
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि संविधान दिवस की परंपरा की शुरुआत 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी, जब उन्होंने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती पर संविधान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए इस दिन को मनाने की घोषणा की थी। इस परंपरा से संविधान के प्रति नागरिकों का सम्मान और समझ बढ़ी है।

कर्तव्यों और अधिकारों का संतुलन:
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान में अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी उल्लेख किया गया है। हमें संविधान में दिए गए अधिकारों का प्रयोग करते हुए अपने कर्तव्यों को समझना और निभाना चाहिए। उन्होंने महात्मा गांधी के कथन का उल्लेख करते हुए कहा, “हमारे अधिकार हमारे कर्तव्य हैं, जिन्हें हमें सच्ची ईमानदारी और समर्पण के साथ निभाना चाहिए।”

समारोह में पुरस्कार वितरण और संकल्प:
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने समारोह में उपस्थित सभी लोगों को संविधान की प्रस्तावना का संकल्प दिलवाया, जिससे हर नागरिक को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया गया।

कश्मीरी लाल और प्रो. सोमनाथ सचदेवा के विचार:
मुख्य वक्ता कश्मीरी लाल ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है और यह हमारे लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान ने देश में समानता और न्याय को सुनिश्चित किया है और इसे किसी भी अन्य संविधान से विशेष बनाता है।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि भारतीय संविधान न केवल शासन का आधार है, बल्कि यह हमारे देश की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और कलात्मक धरोहर का प्रतीक भी है। उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जो स्वतंत्रता, समानता और न्याय के अधिकारों का प्रतीक है।

समारोह में अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति:
समारोह में कुरुक्षेत्र की उपायुक्त श्रीमती नेहा सिंह, पूर्व मंत्री श्री सुभाष सुधा, सरस्वती हैरिटेज बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री धुमन सिंह किरमच सहित अन्य गणमान्य अतिथि और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

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