Friday, October 18, 2024
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दवाओं से ठीक न हो सकने वाले रोगियों के लिए डीबीएस एक अत्यधिक प्रभावी विकल्प

पार्क हॉस्पिटल में पार्किंसनिज़्म उपचार में नवाचार डीबीएस का इस्तेमाल शुरू

दवाओं से ठीक न हो सकने वाले पार्किंसन के रोगियों के लिए डीबीएस एक अत्यधिक प्रभावी विकल्प है : डॉ. दीपक त्यागी

वरिष्ठ नागरिकों ने 100 पौधे लगाए

वरिष्ठ नागरिकों ने 100 पौधे लगाए

मोहाली : ग्रेशियन बाई पार्क हॉस्पिटल ने पार्किंसनिज़्म उपचार में नवाचार डीप ब्रेन स्टिम्युलेशन (डीबीएस) का इस्तेमाल शुरू किया है जिसके तहत एक पेसमेकर जैसे उपकरण से पार्किंसनिज़्म का इलाज किया जाता है, जो असामान्य गतिविधियों को नियंत्रित करता है और कंपन, कठोरता और छोटे कदमों जैसे लक्षणों में राहत प्रदान करता है। इस नवाचारी उपचार से मरीज को पार्किंसनिज़्म के दर्दनाक लक्षणों में महत्वपूर्ण राहत प्रदान की जाती है। उक्त जानकारी आज यहां आयोजित एक प्रेस वार्ता में क्षेत्र के जाने माने न्यूरोसर्जन डॉ. दीपक त्यागी, एमबीबीएस, एमएस (सामान्य सर्जरी), एम.सी एच. (न्यूरोसर्जरी) ने दी। उन्होंने बताया कि दिमाग में छेद करने से लेकर सर्जरी की सारी प्रक्रिया के दौरान मरीज को होश में ही ही रखा जाता है जिससे उसका इलाज़ सही प्रकार से हो सके।

इस पत्रकार वार्ता में  डॉ. रिम्पल गुप्ता, संचालक – क्रिटिकल केयर, एमबीबीएस, डीए, डीएनबी (एनेस्थीसिया), आईडीसीसीएम, डॉ. अनिल सोफ़त, एमबीबीएस, एमडी, एम.च. (न्यूरोसर्जरी), अशोक बेडवाल, सीईओ – पार्क हॉस्पिटल, डॉ. आंदेश कंग डिप्टी-सीईओ पार्क हॉस्पिटल भी मौजूद रहे।

डॉ. दीपक त्यागी ने बताया कि पार्किंसन के रोगियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।  डॉ. दीपक त्यागी के मुताबिक वैसे तो पार्किंसन के अधिकतर रोगी दवाओं से ही ठीक हो जाते हैं परन्तु जो रोगी दवाओं के प्रति प्रतिक्रियाशील नहीं हैं, उनके लिए डीबीएस एक अत्यधिक प्रभावी विकल्प प्रदान करता है। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि पार्क हॉस्पिटल ने पिछले दशक में बड़े स्तर पर डीबीएस शल्यक्रियाएँ की हैं और उनकी सफलता दर 95 प्रतिशत है।

भारत में 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों में पार्किंसनिज़्म लगभग 1 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करता है, जिसकी वजह से अधिक आयुवर्ग के लोगों की बढ़ती जनसंख्या के कारण इसका प्रसार बढ़ रहा है। सीईओ अशोक बेडवाल ने इस अवसर पर कहा कि वे अच्छा उपचार प्रदान करने के लिए समर्पित हैं। उनके यहां डीबीएस कार्यक्रम की सफलता हमारे नवाचारी उपचार समाधानों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

डॉ. आंदेश कंग, डिप्टी सीईओ ने कहा कि पार्क हॉस्पिटल में डीबीएस कार्यक्रम हमारी उन्नत चिकित्सा समाधानों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है तथा  उन्हें इस बात का गर्व है कि हम अपने रोगियों को इस तरह के परिवर्तनकारी उपचार प्रदान कर सकते हैं। सम्राट देब, मुख्य महाप्रबंधक ने कहा कि ग्रेशियन बाई पार्क सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, मोहाली, क्षेत्र का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है जहां विश्वस्तरीय चिकित्सा देखभाल, सुपरस्पेशलिटी उपचार और देखभाल उपलब्ध है। 500 बिस्तरों वाले अस्पताल में अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण और उच्च प्रशिक्षित पेशेवरों के साथ क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है। पूरे देश में पार्क ग्रुप के 15 अस्पताल हैं।

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