Monday, December 23, 2024
Homeहरियाणाहरियाणा में एशिया की सबसे बड़ी आधुनिक सेब, फल एवं सब्जी मंडी का...

हरियाणा में एशिया की सबसे बड़ी आधुनिक सेब, फल एवं सब्जी मंडी का हुआ उद्घाटन

मुख्यमंत्री ने पंचकूला के पिंजौर में एशिया की सबसे बड़ी आधुनिक सेब, फल एवं सब्जी मंडी के प्रथम चरण का किया उद्घाटन


मंडी बनने से हरियाणा के फल व सब्जी उत्पादक किसानों व कारोबारियों को लाभ होगा – मुख्यमंत्री


मुख्यमंत्री ने किसानों व व्यापारियों के कल्याण के लिए दी अनेक सौगात


आधुनिक सेब, फल एवं सब्जी मंडी, पिंजौर में व्यापार को बढ़ाने के लिए मार्केट फीस 1 प्रतिशत से घटाकर 0.5 प्रतिशत करने की करी घोषणा

हरियाणा में मुसलमानो को आरक्षण नहीं होने देंगे – गृह मंत्री

हरियाणा में मुसलमानो को आरक्षण नहीं होने देंगे – गृह मंत्री


मुख्यमंत्री ने सभी फल एवं सब्जी पर एचआरडीएफ  समाप्त करने की करी घोषणा- श्री नायब सिंह सैनी

चण्डीुगढ़, 17 जुलाई – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज जिला पंचकूला के पिंजौर में एशिया की सबसे बड़ी आधुनिक सेब, फल एवं सब्जी मंडी पिंजौर के प्रथम चरण का उद्घाटन किया और किसानों व व्यापारियों के कल्याण के लिए अनेक सौगात दी।

मुख्यमंत्री ने आधुनिक सेब, फल एवं सब्जी मंडी, पिंजौर में व्यापार को बढ़ाने के लिए इस मंडी में मार्केट फीस 1 प्रतिशत से घटाकर 0.5 प्रतिशत करने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना, 2013 के तहत प्रार्थी की आयु को वर्तमान 10 से 65 वर्ष से बढ़ाकर अब 10 से 75 वर्ष तक करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस योजना में किसान एवं खेतीहर मजदूर पर आसमानी बिजली गिरने से हुई दुर्घटना पर कोई राशि नहीं दी जाती थी। अब सरकार द्वारा आसमानी बिजली गिरने से होने वाली दुर्घटना को भी इस योजना में शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल किसान मजदूर कैंटीन योजना के अंतर्गत प्रदेश के किसानों व मजदूरों को 10 रुपये प्रति थाली की रियायती दर से वर्षभर भोजन उपलब्ध करवाने के लिए 100 मण्डियों में कैंटीन खोलने का निर्णय लिया गया है। अब तक 48 मण्डियों में  कैंटीन  शुरू की जा चुकी है। उन्होंने घोषणा की कि अन्य मंडियों में भी अटल किसान मजदूर कैंटीन जल्द खोली जाएगी। उन्होंने विवादों के समाधान नीति के संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि मंडी प्रांगण में सभी प्लॉट धारकों से चक्रवृद्धि ब्याज की वसूली नहीं की जायेगी और सभी बकाया राशि की गणना केवल साधारण ब्याज से ही की जायेगी। इसके अतिरिक्त यह भी घोषणा की कि यदि किस्त का भुगतान देय तिथि के बाद 20 दिनों के अन्दर किया जाता है तो कोई दंडात्मक ब्याज नहीं लिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने सभी फल एवं सब्जी पर एचआरडीएफ समाप्त करने और विवादों का समाधान योजना को 30 सितम्बर 2024 तक बढ़ाने की घोषणा भी की।

मुख्यमंत्री ने 15.68 करोड़ रूपये की लागत से मंडियों के निर्माण व मरम्मत कार्यों का किया शिलान्यास

इससे पूर्व उन्होंने हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड पंचकूला द्वारा जिला करनाल के गांव सग्गा में 8.99 करोड़ की लागत से बनने वाली नई अनाज मंडी के निर्माण कार्य व जिला कुरूक्षेत्र की बाबैन अनाज मंडी की विभिन्न मूलभूत सुविधाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए 6.69 करोड़ रूपये से विशेष मरम्मत के कार्य का शिलान्यास किया। साथ ही कालका विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों के लिए पांच करोड़ रूपये की राशि देने की घोषणा भी की।


मंडी के दूसरे चरण का कार्य 31 दिसंबर, 2024 तक हो जाएगा पूरा

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आधुनिक सेब, फल व सब्जी मंडी पिंजौर एशिया की सबसे बड़ी आधुनिक मंडी होगी। 78 एकड़ क्षेत्र में फैली इस मंडी के निर्माण पर 220 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके प्रथम चरण का निर्माण 14 करोड़ 66 लाख रुपये की लागत से 10 एकड़ क्षेत्र में किया गया है। इसके दूसरे चरण का कार्य प्रगति पर है, जो 31 दिसम्बर, 2024 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां पर मण्डी बनने से हरियाणा के फल व सब्जी उत्पादक किसानों व कारोबारियों को लाभ होगा। इसके साथ ही हिमाचल व जम्मू-कश्मी र के सेब उत्पादकों व सेब से जुड़े कारोबारियों को भी लाभ होगा।

कारोबारी फल व सब्जियों की खरीद व बिक्री दिल्ली की बजाए पिंजौर मंडी में कर सकेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा की विभिन्न मंडियों में सालभर में औसतन 210 लाख क्विंटल फल व सब्जियों की आवक होती है। इस समय पंचकूला के सेक्टर-20 में सबसे बड़ी सेब मण्डी है। वर्ष 2016 में इस मण्डी में सेब का व्यापार शुरू हुआ था। इसमें हर वर्ष लगभग 35 लाख सेब के डिब्बों का व्यापार होता है। यहां पर वर्ष में चार महीने अगस्त से नवम्बर के दौरान सेब की आवक होती है। उन्होंने कहा कि सेब की आवक के दृष्टिगत पंचकूला मण्डी में पर्याप्त स्थल नहीं होने के कारण पिंजौर में यह विशाल मंडी स्थापित की जा रही है। हरियाणा के फल कारोबारी हिमाचल व जम्मू-कश्मीर से फल खरीदकर सीधे दिल्ली ले जाकर बेचते थे। अब इस मण्डी के बनने से कारोबारी फल व सब्जियों की खरीद व बिक्री इस मंडी में कर सकेंगे। इस क्षेत्र के किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। यह मण्डी चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली तथा उत्तरी क्षेत्र की आवश्यसकताओं को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि पिंजौर की इस सेब मण्डी में 77 दुकानों व प्लाटों को ई-नीलामी के जरिए बेचा जा चुका है। यहां पर सेब मण्डी की स्थापना से व्यापारियों व उत्पादकों को फलों एवं सब्जियों के रखरखाव व क्रय-विक्रय के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

मण्डी की स्थापना से इस क्षेत्र में कारोबार बढ़ेगा और रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे

श्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की सीमा से जुड़ा पिंजौर हरियाणा का प्रवेश द्वार है। हिमाचल के साथ-साथ जम्मू और कश्मीौर के भी सेब व्यापारी हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के साथ सेब व्यापार के लिए सम्पर्क में हैं, इसलिए पिंजौर सेब के कारोबार के लिए एक मुख्य केन्द्र के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि पिंजौर में इस सेब, फल और सब्जी मण्डी की स्थापना से इस क्षेत्र में कारोबार बढ़ेगा और रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

100 करोड़ रुपये की लागत से 14 नई मण्डियों के निर्माण एवं सुधारीकरण का कार्य प्रगति पर

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने वर्तमान सरकार के कार्यकाल में नई मण्डियों के निर्माण, विस्तार और उन्नयन पर 2 हजार 322 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है। इस समय लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से 14 नई मण्डियों के निर्माण एवं सुधारीकरण का कार्य प्रगति पर हैं। गन्नौर में अंतर्राष्ट्री्य स्तर की बागवानी मार्केट स्थापित की जा रही है। इसी प्रकार, गुरुग्राम में 25 करोड़ रुपये की लागत से फलावर मार्केट स्थापित की जा रही है। सोनीपत के सेरसा में लगभग 16 एकड़ भूमि पर 35 करोड़ रुपये की लागत से मसाला मंडी स्थापित की जा रही है। प्रदेष की 108 मण्डियों को ई-नेम पोर्टल से जोड़ा जा चुका है। उन्होंने बताया कि खाद्यान्नों की खरीद के सभी स्तरों पर पारदर्शिता लाने, व्यापार को सुगम बनाने व किसानों को उनकी उपज के सही मूल्य दिलाने तथा समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में ई-खरीद परियोजना शुरू की गई है। पंचकूला सेक्टर-20 तथा गुरुग्राम में किसान बाजार शुरू किये गये हैं।

सरकार ने किसानों के हितों को रखा सर्वोपरि, हर दुख-सुख में किसानों के साथ खड़ी रही

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसानों के हितों को सर्वोपरि रखा है। सरकार हर सुख-दुख में किसान के साथ खड़ी रही है। सरकार ने किसान को प्राकृतिक आपदा आने पर फसलों का मुआवजा दिया है। बीज से बाजार तक किसान को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई है। इसी के परिणामस्वरूप प्रदेश का खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर वर्ष  2022-23 में 184 लाख 32 हजार मीट्रिक टन हो गया। गर्व की बात है कि हरियाणा प्रदेश का केन्द्रीय खाद्यान्न भण्डार में योगदान देने में दूसरा स्थान है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों को फसलों का लाभकारी मूल्य दिलवाने और उन्हें जोखिम मुक्त बनाने के लिए 21 बागवानी फसलों के लिए देश की पहली ‘भावांतर भरपाई स्कीम’ लागू की है। अब तक 23 हजार 221 किसानों को 104 करोड़ 89 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है। यहीं नहीं, इस योजना में बाजरा व सूरजमुखी को भी शामिल किया गया है। अब तक बाजरा किसानों के बैंक खातों में 717 करोड़ रुपये की राशि सीधे ही डाली गई है। उन्होंने किसानों की फसलों को मौसम की अनिश्चितताओं से बचाने के लिए ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ शुरू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। इस योजना में 46 बागवानी फसलें शामिल हैं। फलों और सब्जियों के लिए 750 रुपये से 1,000 रुपये तक प्रति एकड़ प्रीमियम के साथ बीमा किया जाता है तथा सब्जियों व मसाला फसलों में 30 हजार रुपये तथा फलों में 40 हजार रुपये तक मुआवजा देने का प्रावधान है। योजना के तहत वर्ष 2023-24 में कुल 27 लाख 71 हजार रुपये प्रीमियम के रूप में जमा किए गए तथा 92 किसानों को 68 लाख 34 हजार रुपये नुकसान के मुआवजे के रूप में दिए गए।

वर्ष 2030 तक बागवानी के अधीन क्षेत्र को दो गुणा करके 22 लाख एकड़ करने का लक्ष्य

उन्होंने बताया कि पौने 10 वर्षों में प्रदेश में इजराइली तकनीक पर आधारित नवीनतम प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने के लिए 7 सेंटर आफ एक्सीलेंस भी स्थापित किये गये हैं और 2 पर कार्य चल रहा है। करनाल में महाराणा प्रताप के नाम पर एक बागवानी विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। वर्तमान में हरियाणा के कुल फसली क्षेत्र के लगभग 7 प्रतिशत में बागवानी होती है। हमारा लक्ष्य वर्ष 2030 तक बागवानी के अधीन क्षेत्र को दो गुणा करके 22 लाख एकड़ करने का तथा उत्पादन को तीन गुणा करने का है। इसके लिए बागवानी फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, ताजे फल और सब्जियों के लिए आपूर्ति श्रृंखला स्थापित की जा रही है, पैक हाउस की स्थापना की जा रही है, किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया जा रहा है। इसके अलावा, बागवानी को बढ़ावा देने के लिए हमने फूड प्रोसेसिंग नीति बनाई है। इस नीति के तहत कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे उद्योगों की स्थापना से किसानों को उनकी पैदावार के और अधिक लाभकारी मूल्य मिलेंगे।

व्यापारियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड का किया गठन

उन्होंने बताया कि सरकार ने वादे के अनुसार व्यापारियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन किया है। यह बोर्ड सरकार और व्यापारियों के बीच एक सेतु का काम कर रहा है। व्यापारियों के लिए समूह जीवन बीमा स्कीम बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि ई-रिफंड की ऑनलाइन सुविधा आरम्भ की गई है। जी.एस.टी. के संग्रहण में देश में हम छठे स्थान पर पर है।

इस अवसर पर आढ़ती एसोसिएशन ने स्मृति चिन्ह देकर मुख्यमंत्री को सम्मानित किया।

इस मंडी में हिमाचल के 14 स्थानों, जम्मू और कश्मीर के चार और विदेशों में 24 स्थानों से सेब बिक्री होने के लिए आएंगे – कंवरपाल

हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग मंत्री श्री कंवरपाल ने कहा कि आधुनिक सेब, फल एवं सब्जी मंडी पिंजौर के प्रथम चरण के उद्घाटन से हरियाणा के किसानों व व्यापारियों के साथ-साथ हिमाचल, पंजाब व कश्मीर के किसानों को भी लाभ होगा। उन्होंने बताया कि इस मंडी में हिमाचल के 14 स्थानों, जम्मू और कश्मीर के चार स्थानों से सेब बिक्री होने के लिए आएंगे। इसके अलावा विदेश के 24 स्थानों से सेब इस मंडी में बिकने के लिए आएगा। यह मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने से व्यापारियों के लिए व्यापार के नए दरवाजे खोलने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कृषि एवं किसान कल्याण के लिए अनेक कदम उठाए हैं। यह इसी का परिणाम है कि चाहे पंजाब हो, हिमाचल, दिल्ली या राजस्थान हो, सभी प्रदेशों के किसान चाहते हैं कि उनकी फसल की बिक्री हरियाणा की मंडियों में हो। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य कृशि विपणन बोर्ड ने 55 सालों के कार्यकाल में कई नए आयाम स्थापित किए हैं। बोर्ड द्वारा 114 मुख्य यार्ड तथा इसके अंतर्गत सब-यार्ड व खरीद केन्द्रों का विकास किया गया है, जिनमें सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। इसके साथ-साथ किसानों की फसलों को मुख्य मंडी तक लाने के लिए बोर्ड द्वारा राज्य में 18330 किलोमीटर लम्बाई की 7092 सड़कों का निर्माण करवाया जा चुका है।

हरियाणा कृषि प्रधान प्रदेश और यहां के लोग मेहनतकश – ज्ञानचंद गुप्ता

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने आधुनिक सेब, फल एवं सब्जी मंडी पिंजौर के प्रथम चरण का उद्घाटन करने के लिए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस मंडी के दूसरे चरण में वातानुकूलित ऑक्शन हाॅल, फ्रूट राइपनिंग सेंटर, पैकेजिंग यूनिट, होटल साइट, पेट्रोल/सीएनजी पंप सहित सभी आवश्यटक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मंडी से हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों और व्यापारियों को लाभ मिलेगा। हरियाणा कृषि प्रधान प्रदेश है और यहां के लोग मेहनतकश हैं। हरियाणा का किसान प्रदेश का ही नहीं बल्कि पूरे देश के लोगों का पेट भरता है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार ने पंचकूला के साथ हर क्षेत्र में भेदभाव किया, परंतु वर्तमान सरकार के पिछले 10 सालों के कार्यकाल में लगभग 6000 करोड़ रूपये के विकास कार्य हो चुके हैं। उपेक्षित पंचकूला आज विकसित पंचकूला बन चुका है।

मंडी शुरू होने से 10 हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे – लतिका शर्मा

कालका की पूर्व विधायक श्रीमती लतिका शर्मा ने कहा कि आधुनिक सेब, फल एवं सब्जी मंडी पिंजौर के शुरू होने से लगभग 10 हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और किसानों के लिए नए आयाम स्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब हरियाणा के मोरनी में सेब की पैदावार ली जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि पिंजौर में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले मैंगो मेले की तर्ज पर सेब मेले का भी आयोजन किया जाए। उन्होंने कालका विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए पांच करोड़ रूपये की राशि दिए जाने पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह का धन्यवाद किया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments