भगवंत मान सरकार का राज्य के छह लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा तोहफा
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 14,000 करोड़ रुपये का बकाया देने को मंजूरी दी
चंडीगढ़, 13 फरवरीः
राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी सौगात देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब मंत्रिमंडल ने गुरुवार को उन्हें 14,000 करोड़ रुपये के लंबित बकाये वितरित करने की सहमति दे दी।
इस आशय का निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पंजाब सिविल सचिवालय-1 स्थित उनके कार्यालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रीमंडल ने पेंशनभोगियों और कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी, 2016 से 30 जून, 2022 तक की अवधि के लिए संशोधित वेतन/पेंशन और छुट्टी नकदीकरण का बकाया और 1 जुलाई, 2021 से 31 मार्च, 2024 तक का डी.ए./डी.आर. जारी करने को मंजूरी दे दी है। 14,000 करोड़ रुपये की यह राशि चरणों में जारी की जाएगी और इससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बहुत जरूरी राहत मिलेगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार के तीन लाख कर्मचारी और तीन लाख पेंशनभोगी इस कदम से सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।
सरकारी और निजी क्षेत्र में 60,000 नौकरियों के सृजन को मंजूरी दी गई
मंत्रिमंडल ने लोगों को न्याय प्रदान करने के लिए राज्य में 22 नई लोक अदालतें स्थापित करने के लिए पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं प्राधिकरण में नए पद सृजित करने को भी मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल ने नवगठित जिला मलेरकोटला में सहायक निदेशक, वरिष्ठ सहायक और सेवादार के तीन नए पद सृजित करने को भी मंजूरी दे दी। कराधान विभाग में मानव संसाधनों के समुचित उपयोग द्वारा राज्य में करों की चोरी को रोकने के लिए मंत्रिमंडल ने विभाग में 476 नये पदों के सृजन को भी मंजूरी दी।
इसके साथ ही विभाग में निरीक्षकों के पदों के नामकरण को भी हरी झंडी दे दी गई तथा अब उन्हें राज्य कराधान अधिकारी के नाम से जाना जाएगा। मंत्रिमंडल ने आबकारी विभाग में नियमित आधार पर 53 चालकों की भर्ती को भी मंजूरी प्रदान की। मंत्रिमंडल ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग में शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षकों (पीटीआई शिक्षकों) की सीधी भर्ती के लिए नियमों और योग्यताओं में संशोधन को भी हरी झंडी दे दी। इससे आने वाले दिनों में राज्य भर में 2000 ऐसे शिक्षकों की भर्ती हो सकेगी।
राज्य के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में ग्रुप सी कैडर के 822 पदों को पुनर्जीवित करने को भी मंजूरी दी। इससे विभाग की कार्यकुशलता बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराकर अत्यधिक लाभ मिलेगा। मंत्रिमंडल ने डॉ. बीआर अंबेडकर राज्य आयुर्विज्ञान संस्थान, एसएएस नगर में विभिन्न संवर्गों के 97 पदों के सृजन को भी मंजूरी दी। इससे लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए संस्थान की दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
युवाओं के लिए 50,000 से अधिक नौकरियां पैदा करने के उद्देश्य से मंत्रिमंडल ने अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारा (एकेआईसी) परियोजना के एक भाग के रूप में विकसित किए जा रहे एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) के लिए विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) “एनआईसीडीसी पंजाब औद्योगिक गलियारा विकास निगम लिमिटेड” को भूमि हस्तांतरण के लिए स्टाम्प ड्यूटी, पंजीकरण शुल्क और अन्य अतिरिक्त शुल्क माफ करने को भी मंजूरी दे दी। इस परियोजना का उद्देश्य स्थानीय वाणिज्य, वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता वाले व्यापार के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना तथा निवेश के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण करना है। इस परियोजना से औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 32724 तथा गैर-औद्योगिक सहायक सुविधाओं में लगभग 14880 रोजगार सृजित होंगे।
1500 एकड़ से अधिक भूमि पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मकान उपलब्ध कराने को मंजूरी दी गई
समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को घर उपलब्ध कराने के प्रयास में, मंत्रिमंडल ने “आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षित भूमि के इष्टतम उपयोग” के लिए एक नीति को मंजूरी दी। इसके अनुसार विभिन्न कॉलोनियों में बिखरे हुए भूमि के टुकड़ों का मुद्रीकरण किया जाएगा और इस तरह की बिक्री से प्राप्त धन का उपयोग ईडब्ल्यूएस के लाभ के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य भर में 1500 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। राज्य विकास प्राधिकरणों को इन बिखरे हुए भूमि के टुकड़ों की योजना बनाने के लिए अपने स्तर पर अधिकृत किया जाएगा ताकि अंतिम उपयोगकर्ता की जरूरतों को इस तरह से पूरा किया जा सके कि इन साइटों की नीलामी के माध्यम से विभाग के लिए उचित राजस्व उत्पन्न हो सके। राज्य विकास प्राधिकरणों को ईडब्ल्यूएस के लिए भूखंड या घर बनाने के लिए अलग-अलग भूमि के टुकड़ों की पहचान करने और अधिग्रहण करने के लिए भी अधिकृत किया जाएगा ताकि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हितों का सरकार द्वारा ध्यान रखा जा सके।
विभिन्न विकास प्राधिकरणों द्वारा एकत्रित EDC का इष्टतम उपयोग करने की नीति को हरी झंडी
मंत्रिमंडल ने पीएपीआरए अधिनियम के तहत अपनी परियोजनाएं विकसित करने वाले प्रमोटरों से सरकार की ओर से विभिन्न विकास प्राधिकरणों द्वारा एकत्रित ईडीसी का इष्टतम उपयोग करने की नीति को भी मंजूरी दे दी। इस नीति के अनुसार प्रमोटरों से एकत्रित ईडीसी का 50% कॉलोनी या टाउनशिप की परिधि में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उपयोग किया जाएगा, जबकि शेष 50% का उपयोग सरकार द्वारा राज्य में प्रमुख परियोजनाओं के विकास के लिए किया जाएगा। यह नीति राज्य के विकास को बड़े पैमाने पर गति प्रदान करेगी।
एसिड अटैक पीड़ितों के लिए वित्तीय सहायता 8000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये की गई
एक महत्वपूर्ण निर्णय में, मंत्रिमंडल ने तेजाब पीड़ितों को वित्तीय सहायता देने की योजना का नाम बदलकर “पंजाब तेजाब पीड़ितों को वित्तीय सहायता योजना, 2024” करने का निर्णय लिया, जिससे इस योजना में पुरुष और ट्रांसजेंडर पीड़ितों को भी शामिल किया जा सकेगा तथा वित्तीय सहायता राशि को बढ़ाकर 5000 रुपये किया जा सकेगा। पीड़ित को 8,000/- से बढ़ाकर 10,000/- प्रति माह दिया जा रहा है। पंजाब सरकार ने अधिसूचना संख्या के तहत “पंजाब एसिड पीड़ितों के लिए वित्तीय सहायता योजना, 2017” अधिसूचित की थी। 1006029/1, दिनांक 20.06.2017, महिला एसिड अटैक पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए। इससे पहले इस योजना के अंतर्गत केवल महिला एसिड अटैक पीड़ितों को ही कवर किया जाता था और उन्हें 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती थी। 8,000/- प्रति माह। लेकिन इस योजना को लिंग-तटस्थ बनाते हुए, राज्य सरकार ने इसका नाम बदलकर “पंजाब एसिड पीड़ितों के लिए वित्तीय सहायता योजना, 2024″ कर दिया है और इस योजना में एसिड हमले के शिकार पुरुषों और ट्रांसजेंडरों को भी शामिल किया है। पीड़ितों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता भी मौजूदा 8000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति माह कर दी गई है।
24-25 फरवरी को विधानसभा की दो दिवसीय विशेष बैठक
मंत्रिमंडल ने 24-25 फरवरी को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को भी मंजूरी दे दी। दो दिवसीय सत्र के दौरान विधायी कार्य संचालित किये जायेंगे।
चूककर्ता भूमि आवंटियों के लिए माफी नीति को आगे बढ़ाएं
लोगों को बड़ी राहत देते हुए मंत्रिमंडल ने उन डिफाल्ट आवंटियों के लिए माफी नीति को भी मंजूरी दे दी है, जो पुडा और अन्य विशेष विकास अथॉरिटी द्वारा उन्हें आवंटित प्लाट/भूमि के लिए पैसा जमा नहीं करवा पाए थे। इस योजना के अनुसार, बकाएदार बिना किसी जुर्माने के अपनी बकाया राशि योजनागत ब्याज सहित एकमुश्त जमा कर सकते हैं। आईटी सिटी, एसएएस नगर या विकास प्राधिकरणों की किसी अन्य योजना में आवंटित संस्थागत स्थलों/अस्पताल स्थलों/औद्योगिक भूखंडों के मामले में गैर निर्माण शुल्क में 50% की छूट दी जाएगी तथा विस्तार शुल्क 2.50% की दर से लिया जाएगा तथा आवंटियों को आबंटन पत्र की सभी शर्तों को पूरा करने के लिए 3 वर्ष की अवधि दी जाएगी।
अनिवासी भारतीयों के लिए छह विशेष अदालतें बनेंगी
राज्य भर में अनिवासी भारतीयों की सुविधा के उद्देश्य से एक बड़े कदम के तहत मंत्रिमंडल ने राज्य के छह जिलों में विशेष फास्ट ट्रैक एनआरआई अदालतें स्थापित करने को मंजूरी दे दी है। निर्णय के अनुसार ये अदालतें जालंधर, होशियारपुर, कपूरथला, शहीद भगत सिंह नगर, मोगा और लुधियाना में स्थापित की जाएंगी। इससे एनआरआई भाइयों को सुचारू न्याय मिलेगा और उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।
ग्राम चौकीदारों का मानदेय बढ़ाया गया
एक प्रमुख निर्णय में मंत्रिमंडल ने ग्रामीण चौकीदारों का मासिक मानदेय मौजूदा 1250 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करने को भी मंजूरी दे दी। इस पहल से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में चौकीदारों को अपने कर्तव्य का सुचारू रूप से निर्वहन करने में मदद मिलेगी।
बठिंडा थर्मल प्लांट की भूमि के सर्वोत्तम उपयोग को हरी झंडी दी गई
मंत्रिमंडल ने बठिंडा थर्मल पावर प्लांट की 253 एकड़ भूमि को बठिंडा विकास प्राधिकरण के साथ आवासीय/व्यावसायिक स्थलों, जल उपचार संयंत्र, बस स्टैंड, ईएसआई अस्पताल और स्कूलों के लिए अनुकूलतम उपयोग करने और 1235 एकड़ भूमि पीएसपीसीएल को वापस करने का भी निर्णय लिया। इसके अलावा थर्मल प्लांट की लगभग 173 एकड़ भूमि में पड़ने वाली तीन झीलों का प्रशासनिक नियंत्रण बठिंडा विकास अथॉरिटी के पास रहेगा तथा मालिकाना हक पीएसपीसीएल के पास रहेगा। इस क्षेत्र को बीडीए द्वारा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे शहर पर्यटन हब बन जाएगा और इससे होने वाले लाभ को विभाग की 80:20 नीति के तहत पीएसपीसीएल और बठिंडा विकास प्राधिकरण को वितरित किया जाएगा।
आवास विभाग की ई-नीलामी नीति में संशोधन को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने आवास एवं शहरी विकास विभाग की ई-नीलामी नीति में संशोधन को भी मंजूरी दे दी। सितंबर 2024/अक्टूबर 2024 में आयोजित ई-नीलामी के बाद प्राप्त फीडबैक के आधार पर और नोएडा, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण, एचएसवीपी और जयपुर विकास प्राधिकरण जैसे अन्य विकास प्राधिकरणों की ई-नीलामी नीतियों की जांच के बाद, अधिकतम राजस्व उत्पन्न करने के उद्देश्य से नीति में कुछ बदलाव किए गए हैं। चंक साइटों को छोड़कर सभी प्रकार की संपत्तियों के लिए पात्रता शुल्क बढ़ा दिया गया है तथा लगातार दो नीलामियों के बाद न बिकी संपत्तियों के आरक्षित मूल्य में कमी का फार्मूला तैयार किया गया है।
संशोधन के अनुसार, यदि भूखंड/साइट लगातार दो नीलामी में नहीं बिकती है, तो संबंधित प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक के स्तर पर आरक्षित मूल्य में 7.5% की कमी की जाएगी। यदि वही भूखण्ड/स्थल अगली दो लगातार नीलामियों में नहीं बिकता है, तो संबंधित प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक के स्तर पर आरक्षित मूल्य में प्रथम नीलामी के लिए मूलतः निर्धारित आरक्षित मूल्य के 7.50% की और कमी कर दी जाएगी (कुल कटौती प्रथम नीलामी के लिए मूलतः निर्धारित आरक्षित मूल्य के 15% की होगी)। यदि वही भूखंड/साइट अगली दो लगातार नीलामियों में नहीं बिकती है, तो आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव के स्तर पर आरक्षित मूल्य में पहली नीलामी के लिए मूल रूप से निर्धारित आरक्षित मूल्य के 7.50% की और कमी कर दी जाएगी (कुल कटौती पहली नीलामी के लिए मूल रूप से निर्धारित आरक्षित मूल्य के 22.50% की होगी)। यदि ऊपर परिभाषित आरक्षित मूल्य में 22.50% की कटौती के बाद भी वही भूखण्ड/साइट अगली दो लगातार नीलामियों में नहीं बिकती है और प्राधिकरण का विचार है कि आरक्षित मूल्य में 22.50% से अधिक की कटौती आवश्यक है, तो प्राधिकरण वित्त एवं लेखा समिति/बजट एवं जांच समिति के समक्ष, जैसा भी मामला हो, औचित्य के साथ ऐसी कटौती के लिए एजेंडा प्रस्तुत कर सकता है।
किराये पर आवास नीति 2018 में संशोधन को मंजूरी दी गई
मंत्रिमंडल ने किराया आवास नीति 2018 को भी मंजूरी दे दी है, जिससे यह अधिक तर्कसंगत हो गई है। संशोधन में यह प्रावधान किया गया है कि मास्टर प्लान (एसएएस नगर चंडीगढ़ के मास्टर प्लान को छोड़कर) और न्यू चंडीगढ़ के संस्थागत क्षेत्रों में किराये पर आवास परियोजनाएं भी अनुमन्य होंगी। मास्टर प्लान के अंतर्गत (एसएएस नगर और न्यू चंडीगढ़ के मास्टर प्लान को छोड़कर) मौजूदा राजस्व सड़क/सड़क की न्यूनतम चौड़ाई 22′-0″ से कम नहीं होगी तथा इसे 60′-0” तक चौड़ा किया जा सकेगा या मास्टर प्लान के अनुसार जो भी अधिक हो। इसी प्रकार मास्टर प्लान के बाहर विद्यमान राजस्व सड़क/मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई 22′-0* से कम नहीं होगी तथा इसे 40′-0* तक चौड़ा किया जाएगा। छात्रों/वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रति तीन व्यक्तियों पर दोपहिया वाहनों के लिए ईसीएस की अनुमति होगी। इसके अलावा एक एकड़ भूमि पर 500 छात्रों के स्थान पर 1000 छात्रों के लिए आवास निर्माण की अनुमति दी जाएगी।
200 सौर पंप लगाने के लिए पायलट परियोजना शुरू की जाएगी
कृषि प्रयोजनों के लिए ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए, मंत्रिमंडल ने कृषि प्रयोजनों के लिए 200 सौर पंप स्थापित करने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू करने को भी मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल ने किसानों को मुफ्त बिजली देने की राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि इस परियोजना के लिए 90 प्रतिशत वित्त पोषण पंजाब सरकार द्वारा किया जाएगा। इस पायलट परियोजना का उद्देश्य किसानों की आय में बड़े पैमाने पर वृद्धि करके उनके भाग्य को बदलना है।
लुधियाना में बुड्ढा नाले में प्रदूषण रोकने के लिए बायो मीथेनेशन प्लांट लगाने को हरी झंडी
लुधियाना के बुड्ढा नाले में गाय के गोबर के कारण होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए मंत्रिमंडल ने औद्योगिक शहर में अत्याधुनिक बायो मीथेनेशन प्लांट स्थापित करने को भी मंजूरी दे दी। यह संयंत्र 2.5 एकड़ भूमि पर फैला होगा और इसकी क्षमता प्रतिदिन 300 टन होगी।
PAPRA लाइसेंस प्राप्त परियोजनाओं के लिए समय अवधि के विस्तार की अनुमति देता है
मंत्रिमंडल ने पीएपीआरए लाइसेंस प्राप्त परियोजनाओं के लिए 1 जनवरी, 2024 से 31 दिसंबर, 2025 तक दो साल के लिए 500 रुपये के विस्तार शुल्क पर समय अवधि बढ़ाने की भी मंजूरी दी। प्रति वर्ष प्रति एकड़ 25,000 रु. इसी प्रकार मेगा परियोजनाओं के लिए 25,000 रुपये प्रति एकड़ की विस्तार फीस पर 31 दिसंबर, 2025 तक एक वर्ष का विस्तार दिया जाएगा। इससे डेवलपर्स/प्रमोटरों को अपनी परियोजनाएं पूरी करने में राहत मिलेगी तथा परियोजनाओं के आवंटियों को होने वाली कठिनाइयों में कमी आएगी।
धान की पराली आधारित बॉयलर के लिए सब्सिडी
धान की पराली के सर्वोत्तम प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए, मंत्रिमंडल ने नए धान की पराली आधारित बॉयलर की स्थापना के लिए 1 करोड़ रुपये की पूंजी सब्सिडी देने और मौजूदा संयंत्र के उन्नयन के लिए 50 लाख रुपये देने को भी सहमति दे दी। इस कदम का उद्देश्य धान की पराली का उचित उपयोग सुनिश्चित करना है, जिससे स्वच्छ, हरित और प्रदूषण मुक्त पंजाब का निर्माण हो सके। इससे धान की पराली के उचित निपटान से राज्य के किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
विभिन्न गांवों के उपविभाग बदले गए
नागरिक केंद्रित निर्णय में, मंत्रिमंडल ने उप-मंडल/तहसील दुधन साधन जिला पटियाला से उप-तहसील घनौर, तहसील राजपुरा जिला पटियाला में गांव माहरू, टिवाना और तसलपुर को शामिल करने की सहमति दे दी। इसी प्रकार, गांव नमोल को सब डिवीजन चीमा से सब डिवीजन सुनाम ऊधम सिंह वाला जिला संगरूर में शामिल करने का भी निर्णय लिया गया। इससे लोगों को अपने नियमित प्रशासनिक कार्य सुचारू एवं परेशानी मुक्त तरीके से करने में सुविधा होगी।
महाराजा भूपिंदर सिंह पंजाब खेल विश्वविद्यालय, पटियाला के लिए यूजीसी वेतनमान को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने महाराजा भूपिंदर सिंह पंजाब खेल विश्वविद्यालय, पटियाला में शिक्षण संकाय को यूजीसी वेतनमान प्रदान करने को भी हरी झंडी दे दी।