मुख्यमंत्री को खरड़ पुलिस स्टेशन से लाॅरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू की निगरानी की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल इस्तीफा देना चाहिएः सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया
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चंडीगढ़/07अगस्त:न्यूज डेस्क , शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने आज खुंखार गैंगस्टर लाॅरेंस बिश्नोई को़ खरड़ पुलिस स्टेशन में साक्षात्कार की निगरानी के लिए स्वयं की नैतिक जिम्मेदारी लेने की मांग करते हुए एवं इंटरव्यू की सुविधा देने वाले पुलिस अधिकारियों के लिए अनुकरणीय सजा की मांग की है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए सरदार मजीठिया ने कहा कि हालांकि आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस बात से साफ इंकार कर दिया कि बिश्नोई का टेलीविजन इंटरव्यू पंजाब की जेल में नही हुआ था,लेकिन मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से पता चला है कि साक्षात्कार खरड़ पुलिस स्टेशन में हुआ था।
सरदार मजीठिया ने कहा कि यह भी सामने आया है कि लाॅरेंस बिश्नोई का साक्षात्कार खरड़ में उस समय हुआ, जब वह पुलिस रिमांड पर था और सिद्धू मूसेवाला के संबंध में मुख्यमंत्री की प्रत्यक्ष निगरानी में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही थी। उन्होने कहा कि यह केवल सरकार के संरक्षण में ही हो सकता है, और मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि उनकी सरकार, दिल्ली की आप सरकार की तरह ही बिश्नोई को संरक्षण क्यों दे रही है। उन्होने पुलिस थाने में टेलीविजन साक्षात्कार की सुविधा देने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सरदार मजीठिया ने कहा कि यह पहली बार नही है कि जब मुख्यमंत्री को दोषी पाया गया है। उन्होने कहा,‘‘ यह स्पष्ट है कि मूसेवाला की हत्या की साजिश दिल्ली की तिहाड़ जेल में रची गई थी, जो आम आदमी पार्टी की सरकार के नियंत्रण में है। यह भी साफ है कि मुख्यमंत्री ने न केवल मूसेवाला की सुरक्षा वापिस ली, बल्कि इसका प्रचार भी किया। अब यह बात सामने आई है कि बिश्नोई का इंटरव्यू भी पंजाब में आप सरकार के संरक्षण में हुआ था।’’
यह कहते हुए कि भगवंत मान राज्य पर शासन करने में सक्षम नही हैं तथा उन्होने गैंगस्टरों को खूली छूट दे रही है, सरदार मजीठिया ने कहा कि यह इस रहस्योदघाटन से स्पष्ट हुआ कि पंजाब की जेलों से गैंगस्टरों ने 43हजार काॅल किए हैं। उन्होने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री को ही दोषी ठहराया जाना चाहिए और श्री भगवंत मान को तत्काल पद से इस्तीफा देना चाहिए।