राष्ट्र निर्माता देश के प्रथम प्रधानमंत्री व आजादी आंदोलन के प्रमुख नायक पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने पुष्पाजंली अर्पित करके अपनी भावभीनी श्रद्धाजंली अर्पित की। कपिल यादव, अजय कुमार, अमन कुमार ने भी पंडित जी को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर विद्रोही ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जहां आजादी आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे, वहीं वे देश के प्रथम प्रधानमंत्री बनकर 18 वर्षो तक देश के प्रधानमंत्री रहे व देश के निर्माण की चहुंमुखी नींव उन्होंने ही रखी। पंडित नेहरू सही अर्थो में राष्ट्र निर्माता थे। पंडित जी ने देश के विकास व अग्रणी राष्ट्र बनाने के लिए भारत को हर क्षेत्र में सशक्त किया। पंडित नेहरू द्वारा अपनाई गई मिश्रित अर्थव्यवस्था का ही यह परिणाम था कि जब आज पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है, तब भी भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती से खड़ी है। विद्रोही ने कहा कि देश के आगे बढ़ाने के लिए नेहरू जी ने जहां शिक्षण संस्थाओं का जाल बिछाया, वहीं साईंस, टैक्नोलॉजी के विकास के लिए बड़ी-बड़ी संस्थाये खड़ी की। देश में बेरोजगारी की समस्याओं का समाधान व अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए पूरे देश में मजबूत पीएसयू पंडित नेहरू जी ने ही बनाये। स्पेस, आणविक व अन्य योजनाएं देश में बनाकर पंडित नेहरू जी ने दुनिया के साथ समान रूप से प्रगति का रास्ता अपनाया। दुनिया को पंचशील का सिद्घांत देकर विश्व शांति का संदेश दिया, वहीं गुटनिरपेक्ष आंदोलन का गठन करके शीत युद्ध के मुहाने पर खड़ी दुनिया के समक्ष सोवियत रूस व अमेरिका के गुटों के अलावा विश्व शांति व भाईचारा की विचारधारा में विश्वास रखने वाले गुटनिरपेक्ष देशों का बड़ा धड़ा दुनिया में तैयार किया।
विद्रोही ने कहा कि पंडित जी ने अपने विचारों व कृतित्व से भारत को ही नही, अपितु पूरी दुनिया को प्रभावित किया। पंडित जी की धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक सदभाव व शांति की विचाराधारा में गहरी आस्था थी। भारत की प्रजातांत्रिक संस्थाओं को नेहरू जी ने इतनी दृढ़ता दी कि आज 76 वर्ष की आजादी के बाद भी भारत का लोकतंत्र दुनिया के लिए एक मिसाल बनता जा रहा है। बच्चों के प्रिय चाचा पंडित नेहरू जी भारत ही नही अपितु पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श नेता थे, जिनसे पूरी दुनिया आज भी प्ररेणा लेती है। विद्रोही ने कहा कि यह महामानव पूरी दुनिया को दिशा देता हुआ 27 मई 1964 को इस नश्वर संसार से अवश्य चला गया, लेकिन उनकी विचाराधारा आज भी हमे मार्गदर्शन दे रही है। ऐसे महामानव को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धाजंली देना अपने आप में गौरव की बात है।
वहीं विद्रोही ने रेवाड़ी के प्रथम विधायक राव अभयसिंह जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
विद्रोही ने कहा कि राव अभय सिंह जी एक सरल स्वभाव के राजनेता थे जो अपनी सादगी के लिए पूरे ईलाके में प्रसिद्ध थे। वे सभी के साथ सहजता, विनम्रता व मिलनसारिता के साथ चलने वाले नेता थे।