Saturday, November 2, 2024
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सीनियर सिटीजन एसोसिएशन, चण्डीगढ़ और डीबी रेडियो ने मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की 

सीनियर सिटीजन एसोसिएशन, चण्डीगढ़ और डीबी रेडियो ने मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की 

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प्रियंका ठाकुर,चण्डीगढ़ : आज दुनिया भर में दिग्गज गायक मोहम्मद रफी की 44वीं पुण्य तिथि पर उनके प्रशंसक, संगीतकार और संगीत प्रेमी अपने-अपने ढंग से उन्हें याद कर रहें हैं। रफी, जिनकी आवाज़ ने लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया और जिनके गीत पीढ़ियों तक गूंजते रहे, ने भारतीय संगीत उद्योग पर एक अमिट छाप छोड़ी।

इस अवसर पर कम्युनिटी सेंटर, सेक्टर 35 चंडीगढ़ में देश भगत रेडियो (108.7 एफएम) और ट्राइसिटी सीनियर सिटीजन एसोसिएशन, चण्डीगढ़ एक विशेष संगीत कार्यक्रम आयोजित करके रफी के सबसे लोकप्रिय गीतों को प्रस्तुत करके संगीत में उनके कालातीत योगदान को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर विमल त्रिखा, एसके गुप्ता, दीपक, राखी, प्रेम सिंगला, राकेश जेठी, नीलम जेठी तथा एसोसिएशन की अध्यक्ष निर्मल निम्मी ने अपने गीतों के माध्यम से रफी तथा लता को श्रद्धांजलि दी। देश भगत यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. जोरा सिंह तथा प्रो-चांसलर डॉ. तजिंदर कौर ने भी संगीत के जादूगर मोहम्मद रफी को श्रद्धांजलि दी।

डीबी रेडियो, 107.8 एफएम की स्टेशन हेड आरजे संगमित्रा ने संगीत के जादूगर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मोहम्मद रफी का संगीत समय से परे है तथा आज भी दिलों को छूता है। उनकी धुनें केवल गीत नहीं हैं, बल्कि कला के ऐसे टुकड़े हैं, जो गहरी भावनाओं को जगाते हैं। आरजे संगमित्रा ने आगे कहा कि मोहम्मद रफी का गायन सदाबहार है। 24 दिसंबर, 1924 को जन्मे मोहम्मद रफ़ी का असाधारण करियर चार दशकों से ज़्यादा लंबा रहा, जिसके दौरान उन्होंने कई भाषाओं में हज़ारों गानों को अपनी आवाज़ दी। उनकी अद्वितीय बहुमुखी प्रतिभा, भावपूर्ण गायन और अपने हुनर के प्रति समर्पण ने उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे महान पार्श्व गायकों में से एक के रूप में स्थापित किया।

 

मोहम्मद रफ़ी के प्रशंसक विमल त्रिखा ने कहा कि मोहम्मद रफ़ी की आत्मा उनके अविस्मरणीय संगीत और उनके द्वारा प्रेरित अनगिनत कलाकारों के माध्यम से जीवित है। आज जब हम उनका सम्मान करते हैं, तो हम उनके असाधारण योगदान और उनकी आवाज़ के माध्यम से दुनिया को दी गई खुशी को याद करते हैं। प्रशंसकों को भी अपने पसंदीदा रफ़ी गीतों और यादों को सोशल मीडिया पर रिमेम्बरिंग रफ़ी का उपयोग करके साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस पहल का उद्देश्य उनके जीवन और काम का वैश्विक उत्सव मनाना है।

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